अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम
प्राकृतिक खेती को व्यवहार में जागरूक होकर उतर रहीं ग्रामीण महिलाएँ
टेन न्यूज़ !! ०६ अक्टूबर २०२५ !! ब्यूरो चीफ रामजी पोरवाल, औरैया
अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित 5 दिवसीय जैविक कृषि प्रशिक्षण की सीख अब गाँव-गाँव में दिखाई देने लगी है। प्रशिक्षण के दौरान सीखी गई तकनीकों को अपनाते हुए महिलाएँ अब अपनी खेती की पद्धतियों और व्यवहार में बदलाव ला रही हैं।
शनिवार को ग्राम पंचायत मालेहपुर में समिति से जुड़ी महिला किसानों ने एकजुट होकर जीवामृत तैयार किया और अन्य किसानों को भी प्रेरित किया कि वे रासायनिक खादों के प्रयोग को कम करते हुए प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों। इस अवसर पर महिलाओं ने बताया कि जीवामृत, घनजीवामृत, गोमूत्र, गोबर और केंचुए से तैयार खाद से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है तथा खेती की लागत में कमी आती है।
समन्वयक ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि समिति का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे खेती के प्रत्येक कार्य में आत्मविश्वास के साथ अपनी भूमिका निभा सकें। समिति द्वारा यह भी बताया गया कि प्राकृतिक खेती अपनाने से न केवल फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आने वाले समय में समिति ऐसे व्यवहारिक प्रशिक्षणों का विस्तार अन्य पंचायतों में भी करेगी ताकि अधिक से अधिक महिलाएँ इस तकनीक से लाभान्वित हो सकें। उर्मिला,ललिता, पप्पी,विमला, राममूर्ति, शीलकुमारी, सुषमा देवी समुदाय से एवं समिति कार्यकर्ता चमेली ब्रम्हा, शिप्रा आदि उपस्थित रही।