कथा व्यास संकेत शुक्ल रामायणी ने भगवान राम और रावण के युद्ध की कथा का वृतांत सुनाते हुए सभी को भाव विभोर कर दिया
टेन न्यूज़ !! २० जून २०२४ !! अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर
तिलहर क्षेत्र के गांव बरैंचा में चल रही श्री राम कथा के सातवें दिन कथा व्यास संकेत शुक्ल रामायणी ने भगवान राम और रावण के युद्ध की कथा का वृतांत सुनाते हुए सभी को भाव विभोर कर दिया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान राम ने सत्य मार्ग पर चलकर रावण से युद्ध किया।
युद्ध में भगवान राम के पास शौर्य और धैर्य रुपी रथ के पहिए हैं। सत्य और शील सदाचार उसकी मजबूत ध्वजा और पताका हैं। बल, विवेक, दम और परोपकार यह चार उसके घोड़े हैं, जो क्षमा, दया और समता रूपी डोरी से रथ में जोड़े हुए हैं।
ईश्वर का भजन ही उस रथ को चलाने वाला चतुर सारथी है। वैराग्य ढाल है और संतोष तलवार है। दान फरसा है बुद्धि प्रचण्ड शक्ति है और श्रेष्ठ विज्ञान कठिन धनुष है। कथा व्यास ने कहा कि इस प्रकार भगवान श्री राम ने सत्य का त्याग न करते हुए सत्य के बल पर युद्ध को जीत लिया और रावण मृत्यु को प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम के दौरान निगोही के आए हुए कलाकारों ने हनुमान जी की पावन झांकी को दिखाकर भक्तों को श्रद्धानवत कर दिया।