निजी अस्पताल में इलाज से महिला की मौत परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
टेन न्यूज़ !! १६ सितम्बर २०२५ !! ब्यूरो चीफ रामजी पोरवाल, औरैया
बीते शनिवार को शहर के फफूंद तिराहे स्थित रूचि हॉस्पिटल में महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी, परिजनों ने पुलिस व स्वास्थ्य महकमें के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुये अस्पताल प्रशासन से मिले होने की बात कही है। उन्होने कहा कि 36 घण्टे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है और पूरी तरह षड्यंत्र करके मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं पीड़ित परिजनों ने अब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से न्याय की गुहार लगाई है।
यहां बता दें कि बीते शनिवार को उक्त अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किरन पत्नी तेजसिंह निवासी ग्राम माखनपुर थाना फफूंद की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन एवं डॉक्टरों पर गलत उपचार और लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतका की सास, देवर और बहन ने आरोप लगाया कि महिला को पेट में दिक्कत थी और साथ ही तेज बुखार था।
अस्पताल स्टाफ ने उसे इंजेक्शन और ड्रिप चढ़ाई, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। परिजनों का कहना है कि जब महिला की मौत हो गई तो अस्पताल स्टाफ ने ही पुलिस को सूचना दी और मामले को दबाने का प्रयास करने लगा। घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने भी बताया कि महिला की मौत के बाद हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से मामले को छिपाने की कोशिश की गई।
मृतका के पति ने कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। सबसे गंभीर बात यह है कि घटना को 36 घंटे बीत जाने के बाद भी न तो हॉस्पिटल प्रशासन पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही एफआईआर दर्ज की गई है। इससे ग्रामीणों और मृतका के परिजनों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
परिवारजनों ने शासन-प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी अन्य परिवार को इस तरह की पीड़ा न सहनी पड़े। इस पूरे मामले ने जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था और निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।