अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में स्वास्थ्य जागरूकता गोष्ठी का आयोजन
टेन न्यूज़ !! ०४ मई २०२५ !! डीपी सिंह@डेस्क न्यूज़, शाहजहांपुर
अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में आज उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के मुख्य अतिथि श्री सुरेश कुमार खन्ना की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डॉ. सोमशेखर दीक्षित के प्रयासों से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष श्री केसी मिश्रा, जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री राजेश द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक कुमार मिश्रा सहित अन्य अधिकारी और चिकित्सकगण उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम को अत्यंत ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताया तथा शिक्षकों व चिकित्सकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गोष्ठियों का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए, ताकि जनसामान्य में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैले। उन्होंने दिल्ली से आए न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुमित सिंह द्वारा पक्षाघात (स्ट्रोक) के संबंध में दी गई जानकारी को अत्यंत लाभकारी बताया।
मुख्य अतिथि श्री खन्ना ने कहा कि शाहजहांपुर में मेडिकल सेवाओं की स्थिति बेहतर हुई है और यहां डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि आजादी से पूर्व उत्तर प्रदेश में केवल 12 से 13 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 80 हो चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य को 1500 नई मेडिकल सीटें प्राप्त हुई हैं और सरकार का उद्देश्य हर स्तर पर डॉक्टरों की संख्या बढ़ाना है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का स्वास्थ्य बजट इस बात का प्रमाण है कि स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
अंत में उन्होंने कहा कि इस गोष्ठी का उद्देश्य तभी सफल होगा जब यहां उपस्थित लोग डॉक्टरों द्वारा बताई गई जीवनशैली और सुझावों को अपने जीवन में अपनाएं। उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों के प्रति संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार अपनाने की सलाह दी, क्योंकि सकारात्मक संवाद और व्यवहार से मरीजों का आत्मविश्वास बढ़ता है और आधी बीमारी वहीं ठीक हो जाती है।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुमित सिंह ने स्ट्रोक के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के चलते स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने इसके लक्षणों, जैसे चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नपन, बोलने में कठिनाई, आंखों की रोशनी में परेशानी, चक्कर आना, सिरदर्द और चलने में दिक्कत आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जोर दिया कि ऐसे लक्षण दिखने पर मरीज को शीघ्र नजदीकी अस्पताल में ले जाकर एमआरआई जांच करानी चाहिए, क्योंकि समय रहते इलाज से स्थिति को काबू में लाया जा सकता है।
कार्यक्रम में मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. बृजेश श्रीवास्तव ने यूरोलॉजी विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यूरोलॉजी पेशाब की प्रणाली, पुरुष प्रजनन तंत्र, प्रोस्टेट और किडनी से संबंधित बीमारियों के उपचार से जुड़ी चिकित्सा शाखा है। उन्होंने कहा कि पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना, खून आना, पेशाब में रुकावट, कमर दर्द, अंडकोष में सूजन और यौन कमजोरी जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और समय रहते यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि समय पर इलाज न करने पर ये समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।