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कोलकाता में हुए एक महिला डॉक्टर के साथ बेहद ही शर्मनाक घटना से सभी डॉक्टरों में गुस्सा व्याप्त

By Ten News One Desk

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134 Views

कोलकाता में हुए एक महिला डॉक्टर के साथ बेहद ही शर्मनाक घटना से सभी डॉक्टरों में गुस्सा व्याप्त



टेन न्यूज़ !! २४ अगस्त २०२४ !! गीता बाजपेई ब्यूरो, नोएडा


नारायणा मेडिकल कॉलेज ने कोलकाता में हुई इस इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना मेंइस बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए छेड़ी मुहिम ,

छोड़ो मेहंदी खडग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्रुत बि िबछाकर बैठेदुशासन
सबके मस्तक झुक जाएंगे सुनो द्रोपदी वस्त्र उठा लो
अब गोविंद नहीं आएंगे।

पुष्पमित्र उपाध्याय की यह पंक्ति समाज में उत्पत्ति हुई अवस्था का दर्पण है ।
78 में स्वतंत्रता दिवस पर भी यदि देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो यह बेहद अपमानित करने वाला विषय है ।

कोलकाता में हुई घटना से लोगों में काफी रोष है। देश भर में डॉक्टरों ने एक मुहीम निकाली है। डॉक्टरो के अंदर बेहद आक्रोश भरा हुआ है, और प्रदर्शन के रूप में सभी डॉक्टर मिलकर सरकार तक और आम जनता तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं ,कि लोगों का यह कहना कि एक भगवान ऊपर है और एक भगवान नीचे यह कैसे सार्थक होगा ।जब डॉक्टर का जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा ।

डॉक्टरी पेशे को अपनाने वाला ऐसा व्यक्ति होता है जो कई बार भगवान के हाथ जोड़कर इंसान को बचाने के लिए भरपूर प्रयास करता है। पर यह भी तभी हो पाएगा जब डॉक्टरों का जीवन सुरक्षित रहेगा। कोलकाता में हुई घटना से और उसके बाद में वहां के डॉक्टर्स के साथ में जो घिनौनी हरकत की गई है वे मानवता के ऊपर एक बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा करती है जिसकी वजह से सभी डॉक्टर में और ज्यादा गुस्सा व्याप्त हो गया है।

इसी महासागर में नारायणा विश्वविद्यालय ने 17 अगस्त 2024 को एक शांति मार्च के माध्यम से अपना योगदान दिया। नारायणा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने इस रैली का नेतृत्व किया ।कानपुर के जाने-माने डॉक्टर एमपी मिश्रा, डॉक्टर मंजीत कौर, डॉक्टर रोहिणी श्रीवास्तव, डॉक्टर अंकित त्रिपाठी, डॉक्टर दीपक गुप्ता तथा नारायणा नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती जय, श्री अजीत डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के लगभग 1000 छात्रों ने साथ मिलकर दिल्ली में अपना योगदान दिया। यह रैली डॉक्टर पर बढ़ते हुए प्रशासनिक लापरवाही, वा महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर निकाली गई थी। उन्होंने कहा है कि इस घटना ने मेडिकल समुदाय में गहरी चिंता उत्पन्न की है ।

रैली की शुरुआत नारायणा मेडिकल अस्पताल के एमरजैंसी यूनिट से हुई और पनकी मंदिर तक गई। डॉक्टरों की मांगे ,आसमान छूने की इमारतें नहीं है। बल्कि सरकार से यह गुहार है िक घटना की निष्पक्ष रूप से जांच की जाए ।दोषियों को कठोर से कठोर सजा मिले यह मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए उठाया गया बेहद मार्मिक विषय है। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं और बेहतर कार्यशीलता प्रदान करें।

नारायणा मेडिकल कॉलेज देश भर के सभी डॉक्टरों के साथ इस मुश्किल समय में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और डॉक्टर जिसे भगवान का रूप माना जाता है यदि उन्हें सड़क पर आना पडे तो मानो अब सबर का बांध टूट चुका है। यदि डॉक्टर ही अपना कार्य करना छोड़ देगा तो आम जनता का जीवन कैसे बचाया जा सकेगा।

यह बहुत बड़ा प्रश्न है सरकार के लिए, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि ऊपर के भगवान ने ही डॉक्टर के रूप में नीचे भगवान भेजा है ताकि भगवान के साथ-साथ वह डॉक्टर भी पूरी ईमानदारी के साथ में अपने यहां आए हुए मरीजों का इलाज कर सके और ऊपर बैठे ईश्वर का हाथ पकड़ कर उसके जीवन को बचा सके।

कोलकाता में हुए एक महिला डॉक्टर के साथ बेहद ही शर्मनाक घटना से सभी डॉक्टरों में गुस्सा व्याप्त

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कोलकाता में हुए एक महिला डॉक्टर के साथ बेहद ही शर्मनाक घटना से सभी डॉक्टरों में गुस्सा व्याप्त



टेन न्यूज़ !! २४ अगस्त २०२४ !! गीता बाजपेई ब्यूरो, नोएडा


नारायणा मेडिकल कॉलेज ने कोलकाता में हुई इस इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना मेंइस बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए छेड़ी मुहिम ,

छोड़ो मेहंदी खडग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्रुत बि िबछाकर बैठेदुशासन
सबके मस्तक झुक जाएंगे सुनो द्रोपदी वस्त्र उठा लो
अब गोविंद नहीं आएंगे।

पुष्पमित्र उपाध्याय की यह पंक्ति समाज में उत्पत्ति हुई अवस्था का दर्पण है ।
78 में स्वतंत्रता दिवस पर भी यदि देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो यह बेहद अपमानित करने वाला विषय है ।

कोलकाता में हुई घटना से लोगों में काफी रोष है। देश भर में डॉक्टरों ने एक मुहीम निकाली है। डॉक्टरो के अंदर बेहद आक्रोश भरा हुआ है, और प्रदर्शन के रूप में सभी डॉक्टर मिलकर सरकार तक और आम जनता तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं ,कि लोगों का यह कहना कि एक भगवान ऊपर है और एक भगवान नीचे यह कैसे सार्थक होगा ।जब डॉक्टर का जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा ।

डॉक्टरी पेशे को अपनाने वाला ऐसा व्यक्ति होता है जो कई बार भगवान के हाथ जोड़कर इंसान को बचाने के लिए भरपूर प्रयास करता है। पर यह भी तभी हो पाएगा जब डॉक्टरों का जीवन सुरक्षित रहेगा। कोलकाता में हुई घटना से और उसके बाद में वहां के डॉक्टर्स के साथ में जो घिनौनी हरकत की गई है वे मानवता के ऊपर एक बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा करती है जिसकी वजह से सभी डॉक्टर में और ज्यादा गुस्सा व्याप्त हो गया है।

इसी महासागर में नारायणा विश्वविद्यालय ने 17 अगस्त 2024 को एक शांति मार्च के माध्यम से अपना योगदान दिया। नारायणा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने इस रैली का नेतृत्व किया ।कानपुर के जाने-माने डॉक्टर एमपी मिश्रा, डॉक्टर मंजीत कौर, डॉक्टर रोहिणी श्रीवास्तव, डॉक्टर अंकित त्रिपाठी, डॉक्टर दीपक गुप्ता तथा नारायणा नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती जय, श्री अजीत डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के लगभग 1000 छात्रों ने साथ मिलकर दिल्ली में अपना योगदान दिया। यह रैली डॉक्टर पर बढ़ते हुए प्रशासनिक लापरवाही, वा महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर निकाली गई थी। उन्होंने कहा है कि इस घटना ने मेडिकल समुदाय में गहरी चिंता उत्पन्न की है ।

रैली की शुरुआत नारायणा मेडिकल अस्पताल के एमरजैंसी यूनिट से हुई और पनकी मंदिर तक गई। डॉक्टरों की मांगे ,आसमान छूने की इमारतें नहीं है। बल्कि सरकार से यह गुहार है िक घटना की निष्पक्ष रूप से जांच की जाए ।दोषियों को कठोर से कठोर सजा मिले यह मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए उठाया गया बेहद मार्मिक विषय है। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं और बेहतर कार्यशीलता प्रदान करें।

नारायणा मेडिकल कॉलेज देश भर के सभी डॉक्टरों के साथ इस मुश्किल समय में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और डॉक्टर जिसे भगवान का रूप माना जाता है यदि उन्हें सड़क पर आना पडे तो मानो अब सबर का बांध टूट चुका है। यदि डॉक्टर ही अपना कार्य करना छोड़ देगा तो आम जनता का जीवन कैसे बचाया जा सकेगा।

यह बहुत बड़ा प्रश्न है सरकार के लिए, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि ऊपर के भगवान ने ही डॉक्टर के रूप में नीचे भगवान भेजा है ताकि भगवान के साथ-साथ वह डॉक्टर भी पूरी ईमानदारी के साथ में अपने यहां आए हुए मरीजों का इलाज कर सके और ऊपर बैठे ईश्वर का हाथ पकड़ कर उसके जीवन को बचा सके।

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