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शाहजहांपुर के बंडा क्षेत्र में संरक्षित प्रजाति के पक्षियों के शिकार का मामला आया सामने, सैकड़ों पक्षी मारे जाने की आशंका, वन कर्मचारियों की लापरवाही की खुली पोल

Bytennewsone.com

May 10, 2024
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शाहजहांपुर के बंडा क्षेत्र में संरक्षित प्रजाति के पक्षियों के शिकार का मामला आया सामने, सैकड़ों पक्षी मारे जाने की आशंका, वन कर्मचारियों की लापरवाही की खुली पोल



टेन न्यूज़ !! १० मई २०२४ !! सोशल मीडिया डेस्क@शाहजहांपुर


उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के देवकली बंडा क्षेत्र में संरक्षित प्रजाति के पक्षियों के शिकार का मामला सामने आया है। एक गो आश्रम के व्यवस्थापक ने दावा किया है कि जलमुर्गाबी नाम के संरक्षित पक्षियों का शिकार किया जा रहा है। शिकारियों ने तीन दिनों में तकरीबन 500 चिड़ियां मार गिराई हैं। मामले को लेकर वन विभाग को सूचित किया गया है। अफसरों ने जांच कर मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

जानकारी के मुताबिक, शारदा नहर के पास गांव बरीबरा गो आश्रम के पीछे झावर में स्वदेशी और विदेशी सुंदर चिड़ियां रहती हैं। गो आश्रम के व्यवस्थापक कृष्ण मुरारी पांडे ने बताया कि तीन दिन पहले उनके भतीजे की छत से गिरकर मौत हो गई थी। इस कारण वह अपने गांव गुलडिया भूप सिंह गए थे।

सोमवार की सुबह जब वह वापस लौटे तो देखा कि चिड़ियां की संख्या कम है। इस पर उन्होंने अपने साथियों से चिड़ियां की निगरानी करने को कहा। वे सभी मौके पर छिपकर बैठ गए। रविवार को शाम 4 बजे उन्होंने देखा कि बाइक पर सवार होकर तीन लोग आए। इनमें से एक उतरकर झाबर में पहुंच गया और चिड़िया ले जाने लगा। इसके बाद पांडेय अपने साथियों के साथ लाठी लेकर दौड़े तो चिड़ियां को छोड़कर तीनों शिकारी भाग गए। उन्होंने बताया कि तीन दिनों में शिकारियों ने तकरीबन 500 चिड़ियां मारी हैं। इसके लिए शिकारी पानी में जहर मिला देते हैं। जानकारी के मुताबिक, एक शिकारी लुहिचा गांव का बताया जा रहा है।

देवकली बंडा के पास बरीबरा के पास झाबर में लेसर व्हिसलिंग बतख जिसे भारतीय बत्तख व्हिसलिंग टील के नाम से भी जाना जाता है की अच्छी-खासी संख्या है। व्हिसलिंग बत्तख एक संरक्षित प्रजाति है। इसको स्थानीय स्तर पर लोग जलमुर्गाबी ओर छोटी सिल्ही भी बोलते हैं। संरक्षित प्रजाति के इस पक्षी के शिकार पर जुर्माना और सजा का भी प्रवाधान भी है। आसपास के स्थानीय निवासियों ने बताया कि शिकारी लोग झाबर के पानी में जहर डाल देते थे। जब जल मुर्गाबी मछली, कीड़े खाती थी तो जहर के प्रभाव से उसकी मौत हो जाती थी। इसके बाद शिकारी उन जलमुर्गीबी को उठाकर ले जाते थे।

इसे लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार वन विभाग के कर्मचारियों को अवगत कराया लेकिन इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया। अब डीएफओ ओर एसडीओ इस पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्र के वन दरोगा संजीव कुमार ने बताया कि दो मृत जलमुर्गाबी चिड़िया मिली थी। उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया है। रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ शाहजहांपुर प्रखर गुप्ता ने कहा कि जल मुर्गीबी के शिकार का मामला सामने आया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी। सौ. NBT.

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