बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को संसाधन न देने के बावजूद जबरन डिजीटलाइजेशन कराने तथा मांग पत्र का निस्तारण की मांग
टेन न्यूज़ !! १२ मार्च २०२४ !! अश्वनी कुमार ब्यूरो, मेरठ
महानिदेशक महोदय, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश द्वारा 10 नवम्बर 2023 को पत्रांक-गुण0वि0/टाइम एंड मोशन/10242/2023-24 जारी किया गया है। उक्त आदेश के माध्यम से बेसिक शिक्षकों को अपने पंजीकृत मोबाइल नम्बर से प्रेरणा ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। जो किसी भी प्रकार से उचित एवं व्यवहारिक नहीं है।
ज्ञातब्य हो कि प्रेरणा ऐप के सम्बंध में 03 सितंबर 2019 को तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी जी की अध्यक्षता में संगठन के साथ बैठक की गई थी, उक्त बैठक में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रमाणिक तथ्यों के आधार पर उक्त ऐप की कमियों को उजागर करते हुए विरोध किया गया था तथा प्रेरणा ऐप को निजी मोबाइल में डाउन लोड करने से स्प्ष्ट इनकार किया गया था। उक्त बैठक में ही तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री जी ने महानिदेशक सहित विभागीय उच्च अधिकारियों के समक्ष घोषणा कर संगठन को भरोसा दिया था कि प्रेरणा ऐप से बेसिक शिक्षकों की उपस्थिति नहीं ली जाएगी।
इस भरोसे के आधार पर विभागीय सहयोग हेतु शिक्षकों ने अपने मोबाईल में प्रेरणा ऐप को डाउन लोड कर लिया था। 04 वर्ष बाद अपने निर्णय से मुकर कर पुनः आदेश जारी किया गया है इस कारण प्रदेश के बेसिक शिक्षक आक्रोशित एवं आंदोलित हो रहे है। प्रदेश के बेसिक शिक्षक परेशान एवं बाध्य होकर विभागीय जबरदस्ती के विरुद्ध निम्नांकित मांगे पूर्ण किये जाने तथा मोबाइल, टेबलेट, एवं संचालन हेतु विभागीय आई0डी0 एवं डेटा न उपलब्ध कराने के बावजूद जबरन कार्यवाही का भय दिखाकर जबरदस्ती डिजीटाइजेशन के विरुद्ध आंदोलित है।
प्रमुख मांगे
1- प्रदेश के सभी विद्यालयों को टेबलेट/मोबाइल, विभागीय आई0डी0 से सिम, इंटरनेट उपलब्ध कराया जाए। जब तक संसाधन उपलब्ध नहीं होते हैं तब तक उक्त आदेश पर रोक लगाई जाए।
2- प्रदेश के बेसिक शिक्षकों का भविष्य निधि खाता आनलाइन किया जाए।
3- बेसिक शिक्षकों की प्रधानाध्यापक जूनियर हाई स्कूल एवं सहायक अध्यापक जूनियर हाई स्कूल, प्रधानाध्यापक प्राइमरी स्कूल पदोन्नतियां वर्षों से नहीं हुई हैं, इन पदोन्नतियों को अबिलम्ब किया जाएं।
4- पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
5- 17140-18150 वेतनमान की विसंगति दूर की जाए।
6- अंतर जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी लम्बित है कार्यमुक्ति की प्रक्रिया अबिलम्ब की जाए।
7- कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ अथवा आयुष्मान कार्ड की सुविधा बेसिक शिक्षकों को भी दी जाए।
8- शासनादेश के विरुद्ध जाकर मध्यान्ह भोजन शिक्षकों के माध्यम से बनवाया जा रहा है। उससे शिक्षकों को मुक्त किया जाए।
9- शिक्षण कार्य के अतिरिक्त गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए।
10- योग्यता धारी शिक्षामित्रों को शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाए।
11- शिक्षामित्रों, अनुदेशकों के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जाए।
12- अवकाश के दिनों में कार्य के बदले प्रतिकर अवकाश दिया जाए।
13- जनपद के अंदर वर्ष 2013 से बेसिक शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं हुए हैं स्थानान्तरण किये जायें।
14- छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
15- वर्षों से बेसिक शिक्षकों को प्रोन्नति वेतनमान नही दिया गया है शत-प्रतिशत प्रोन्नति वेतनमान दिया जाए।
16- बेसिक शिक्षकों को भी ई०एल० की सुविधा दी जाए।
17- अर्ध अवकाश की सुविधा दी जाए।
18- संवैधानिक संस्था बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की बैठक वर्ष अक्टूबर 2018 से नहीं हुई। अबिलम्ब बैठक बुलाई जाए तथा अब तक परिषद के बिना अनुमोदन के जारी किए सभी आदेशों-निर्देशों को निरस्त किया जाए तथा विभागीय उच्च अधिकारियों का अतिक्रमण समाप्त किया जाए।
विभागीय अधिकारियों द्वारा उपरोक्त समस्याओं का समाधान न कर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को अपमानित, प्रताड़ित करने सम्बन्धी निर्णयों, आदेशों को बिना किसी अड़चन के तत्काल जारी कर लागू करने के आदेश किए जा रहे हैं। बेसिक शिक्षकों की संवैधानिक संस्था बेसिक शिक्षा परिषद को शून्य करते हुए किसी भी निर्णय में परिषद को विश्वास में नहीं लिया जा रहा है और न ही विचारार्थ प्रस्तुत किया जा रहा है। बेसिक शिक्षकों के सम्बन्ध में निर्णय लेने का अधिकार परिषद को है। परन्तु ऐसा न करके एक संवैधानिक संस्था को मृतप्रायः कर दिया गया है।
परिषद के सदस्यों और परिषद के प्राप्त अधिकारों का अतिक्रमण कर लिया गया है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश, प्रदेश के लाखों बेसिक शिक्षकों की आवाज है। संघ मांग करता है कि उपरोक्त सभी न्यायसंगत मांगो को सर्वप्रथम प्रत्येक दशा में निस्तारित किया जाए। महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षकों को भयभीत किया जा रहा है तथा जबरदस्ती नियमों के विरुद्ध जाकर शिक्षकों से उनको निजी पहचान पत्र से सरकारी सिम खरीदने का दबाव डाला जा रहा है।
तथा कोई भी संसाधन न उपलब्ध कराकर शिक्षकों के निजी मोबाइल, निजी डाटा से उपस्थिति देने के लिए दंडित किया जा रहा है। उपरोक्त अवैधानिक आदेश का जब शिक्षक विरोध कर रहे है तो समाज और सरकार की नजरों में विभाग द्वारा नकारात्मक छवि प्रस्तुत कर उन्हें सामाजिक रूप से अपमानित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। विभाग द्वारा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों की फोटो ऐप पर प्रदर्शित करने हेतु दबाव डाल कर बाल अधिकार अधिनियम का उलंघन भी शिक्षकों से ही कराने का भी प्रयास कराया जा रहा है। साथ ही विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिका बहनों से भी अपनी फ़ोटो सहित उपस्थिति का जबरन प्रयास किया जा रहा है।
इस साइबर क्राइम युग में महिला शिक्षकों की फ़ोटो का दुरुपयोग होने की पूर्ण सम्भावना है। ऐसी स्थिति में कोई भी अप्रिय घटना के घटने की पूर्ण सम्भावना है। इसकी जिम्मेदारी भी विभाग लेने को तैयार नहीं है। इस प्रकार से नियम एवं नियमावली के विरुद्ध जाकर विभाग शिक्षकों को प्रताड़ित एवं अपमानित करने के आदेश कर रहा है। प्रदेश के बेसिक शिक्षक विभाग के हर एक नियम विरुद्ध प्रताड़ना सम्बन्धी आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
प्रदेश के बेसिक शिक्षक तब तक उक्त प्रक्रिया का पालन करने को सहमत नहीं हैं जब तक उपरोक्त सभी मांगों को विभाग द्वारा पूरा नहीं किया जाता है तथा विभागीय सिम, मोबाइल डेटा आदि भी उपलब्ध नही कराया जाता। साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग के ब्लाक से लेकर प्रदेश स्तर तक सभी कर्मचारी अधिकारी भी अपनी आनलाइन उपस्थिति दें। केवल बेसिक शिक्षकों पर ही अविश्वास करके उक्त प्रक्रिया में न शामिल किया जाए। आनलाइन उपस्थिति प्रक्रिया में सभी विभागों को भी शामिल किया जाए।
प्रेरणा ऐप के विरुद्ध उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2019 में एक रिट माननीय उच्च नयायालय खण्ड पीठ लखनऊ में कर रखी है जो कि विचाराधीन है। उसके निर्णय होने तक तथा सभी समस्याओं के समाधान होने तक 10 नवम्बर 2023 के विभागीय आदेश पर रोक लगाने के निर्देश महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश को देने का कष्ट करें।