नोएडा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो में गोरखपुरी टेराकोटा के चार स्टॉल लगेंगे : योगी आदित्यनाथ
टेन न्यूज़ !! १० सितम्बर २०२४ !! सोशल मिडिया@डेस्क न्यूज़, लखनऊ
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के नोएडा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो में गोरखपुरी टेराकोटा के चार स्टॉल लगेंगे। ब्रांडिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों पहली बार गोरखपुर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को टेराकोटा शिल्प से बनी गणेश जी की प्रतिमा भेंट की।
ग्रेटर नोएडा में 25 से 29 सितंबर तक आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे संस्करण में गोरखपुर की ओडीओपी में शामिल टेराकोटा उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इस ट्रेड शो में विश्व भर से खरीदार जुटेंगे। इस आयोजन में स्टॉल लगने से टेराकोटा शिल्पकारों के हुनर को ग्लोबल मार्केट मिलेगा।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित टेराकोटा शिल्पकार राजन प्रजापति का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के पहले भी टेराकोटा शिल्पकारों के पास क्षमता तो थी, लेकिन शासन के प्रोत्साहन और उचित प्लेटफॉर्म की कमी से इसका दायरा संकुचित होता जा रहा था। वह 2017 तक दम तोड़ रहे इस माटी शिल्प के लिए तारणहार बनकर आए। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2018 में टेराकोटा को ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना में शामिल किया और फिर तबसे यह शिल्प नई ऊंचाई को छू रहा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी का टेराकोटा की मिट्टी शिल्प से बेहद लगाव है। वह इसकी ब्रांडिंग का कोई भी मौका नहीं चूकते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने सैनिक स्कूल का उद्घाटन करने गोरखपुर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को टेराकोटा से बनी गणेश जी की प्रतिमा भेंट की। इसके पहले 5 जून 2022 को गोरखपुर दौरे पर आए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी उन्होंने टेराकोटा की मूर्तियां भेंट की थी। यही नहीं राष्ट्रपति के परिवार के लिए उन्होंने सर्किट हाउस में टेराकोटा के स्टॉल भी लगवाए थे, जहां राष्ट्रपति के परिवार और स्टाफ ने टेराकोटा उत्पादों की खूब खरीदारी की थी।
ओडीओपी में शामिल होने के बाद सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन के चलते टेराकोटा का कारोबार साल दर साल विस्तृत होता जा रहा है। इस साल की बात करें तो दिवाली के मद्देनजर सात करोड़ रुपये से अधिक के बाहरी राज्यों के ऑर्डर की सप्लाई की जा चुकी है और शिल्पकार अब त्योहार की स्थानीय आपूर्ति के लिए माल तैयार करने में जुटे हैं। यही नहीं, टेराकोटा की भविष्य से जुड़ी संभावना को देखकर बड़ी संख्या में नए शिल्पकार और कारोबारी भी इससे जुड़े हैं।