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तापमान बढ़ने से संक्रामक बीमारियों ने पसारे पैर, अस्पतालों में मरीजों की लगी भीड़, बीमारियां बढ़ने से अप्रशिक्षित झोला छाप डॉक्टर हुए सक्रिय

By tennewsone.com

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तापमान बढ़ने से संक्रामक बीमारियों ने पसारे पैर, अस्पतालों में मरीजों की लगी भीड़, बीमारियां बढ़ने से अप्रशिक्षित झोला छाप डॉक्टर हुए सक्रिय



गलत उपचार से मरीजों की जान पर अक्सर आती आफत, अधिकारी मौन


टेन न्यूज़ !! १४ जून २०२५ !! ब्यूरो चीफ, औरैया।


जनपद में भीषण तापमान बढ़ने से संक्रामक बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है इसके चलते जिले के कस्बों व ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भीड़ जमा होती नजर आ रही हैं साथ ही बीमारियां बढ़ने का फायदा उठाकर नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर भी मरीजों का शोषण करने में सक्रिय हो गए हैं।

अचानक तापमान बढ़ने के साथ संक्रामक बीमारियां भी तेजी से बढ़ गई है स्थिति यह है कि जुकाम,फ्लू बुखार,वायरल फीवर,टाइफाइड,डायरिया, पेट दर्द,उल्टी,दस्त जैसी बीमारियों से जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भारी भीड़ नजर आ रही है।

आलम यह है कि बीमारियां बढ़ने का फायदा उठाकर नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर बिना रजिस्ट्रेशन के जगह-जगह अस्पताल खोलने के साथ अधिकांश झोलाछाप खास कर गांवों में भोले भाले मरीजों को अपने माया जाल में फंसाकर उपचार के नाम पर उनका शोषण करने में सक्रिय हो गए हैं।

कस्बों गांवों में नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। अधिकांश नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर कस्बों गांवों में जगह-जगह सरेआम अपने क्लीनिक भी खोले हुए नजर आ रहे हैं वहीं तमाम झोलाछाप डॉक्टर गांव गांव घर घर जाकर आम जन मानस के साथ पशुओं का भी उपचार करने में कोई हिचक महसूस नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनमें से कुछ झोलाछाप तो ठेके पर पक्का इलाज करने का भी झांसा देकर मरीजों को फंसा लेते हैं और बाद में मरीज की हालत बिगड़ जाने पर क्षेत्र छोड़कर गायब हो जाते हैं।

बताया गया है कि इनमें अधिकांश झोलाछाप डॉक्टरों को अंग्रेजी पढ़ना भी नहीं आता और वह दवाओं के पत्तों से मामूली जेनेरिक दवाएं निकालकर शीशियों में भर लेते हैं ताकि मरीज दवा की पहचान भी ना कर सकें। लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध लगातार आवाजें भी उठाई गई, किंतु इसके बावजूद भी संबंधित अधिकारी इस ओर से अंजान बने हुए हैं।

जनचर्चा तो आम यह है कि संबंधित अधिकारियों की नीम हकीम झोलाछाप डॉक्टरों से मिलीभगत है और वह उनसे मासिक बधौरी वसूल रहे हैं शायद इसी कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग कि यह लापरवाही जनमानस पर बहुत भारी पड़ती नजर आ रही है।

हालांकि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है की मौसम का मिजाज बदलने से छुटपुट बीमारियां चल रही है स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है वही अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायतें मिल रही है जिसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों ने बीमारियों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए कारगर कदम उठाए जाने की जिला प्रशासन से मांग की गई है।

तापमान बढ़ने से संक्रामक बीमारियों ने पसारे पैर, अस्पतालों में मरीजों की लगी भीड़, बीमारियां बढ़ने से अप्रशिक्षित झोला छाप डॉक्टर हुए सक्रिय

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गलत उपचार से मरीजों की जान पर अक्सर आती आफत, अधिकारी मौन


टेन न्यूज़ !! १४ जून २०२५ !! ब्यूरो चीफ, औरैया।


जनपद में भीषण तापमान बढ़ने से संक्रामक बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है इसके चलते जिले के कस्बों व ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भीड़ जमा होती नजर आ रही हैं साथ ही बीमारियां बढ़ने का फायदा उठाकर नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर भी मरीजों का शोषण करने में सक्रिय हो गए हैं।

अचानक तापमान बढ़ने के साथ संक्रामक बीमारियां भी तेजी से बढ़ गई है स्थिति यह है कि जुकाम,फ्लू बुखार,वायरल फीवर,टाइफाइड,डायरिया, पेट दर्द,उल्टी,दस्त जैसी बीमारियों से जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भारी भीड़ नजर आ रही है।

आलम यह है कि बीमारियां बढ़ने का फायदा उठाकर नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर बिना रजिस्ट्रेशन के जगह-जगह अस्पताल खोलने के साथ अधिकांश झोलाछाप खास कर गांवों में भोले भाले मरीजों को अपने माया जाल में फंसाकर उपचार के नाम पर उनका शोषण करने में सक्रिय हो गए हैं।

कस्बों गांवों में नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। अधिकांश नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टर कस्बों गांवों में जगह-जगह सरेआम अपने क्लीनिक भी खोले हुए नजर आ रहे हैं वहीं तमाम झोलाछाप डॉक्टर गांव गांव घर घर जाकर आम जन मानस के साथ पशुओं का भी उपचार करने में कोई हिचक महसूस नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनमें से कुछ झोलाछाप तो ठेके पर पक्का इलाज करने का भी झांसा देकर मरीजों को फंसा लेते हैं और बाद में मरीज की हालत बिगड़ जाने पर क्षेत्र छोड़कर गायब हो जाते हैं।

बताया गया है कि इनमें अधिकांश झोलाछाप डॉक्टरों को अंग्रेजी पढ़ना भी नहीं आता और वह दवाओं के पत्तों से मामूली जेनेरिक दवाएं निकालकर शीशियों में भर लेते हैं ताकि मरीज दवा की पहचान भी ना कर सकें। लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे नीम हकीम अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध लगातार आवाजें भी उठाई गई, किंतु इसके बावजूद भी संबंधित अधिकारी इस ओर से अंजान बने हुए हैं।

जनचर्चा तो आम यह है कि संबंधित अधिकारियों की नीम हकीम झोलाछाप डॉक्टरों से मिलीभगत है और वह उनसे मासिक बधौरी वसूल रहे हैं शायद इसी कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग कि यह लापरवाही जनमानस पर बहुत भारी पड़ती नजर आ रही है।

हालांकि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है की मौसम का मिजाज बदलने से छुटपुट बीमारियां चल रही है स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है वही अप्रशिक्षित झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायतें मिल रही है जिसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों ने बीमारियों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए कारगर कदम उठाए जाने की जिला प्रशासन से मांग की गई है।

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