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गुलशन ए मुख्तार उर्दू हिंदी साहित्यिक संस्था की ओर से जश्न ए शमशाद आतिफ कार्यक्रम का आयोजन

By Ten News One Desk

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गुलशन ए मुख्तार उर्दू हिंदी साहित्यिक संस्था की ओर से जश्न ए शमशाद आतिफ कार्यक्रम का आयोजन



शमशाद आतिफ को मिला ताहिर तिलहरी अवॉर्ड


टेन न्यूज़ !! ०३ फरवरी २०२५ !! अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर


बीती रात गुलशन ए मुख्तार उर्दू हिंदी साहित्यिक संस्था की ओर से जश्न ए शमशाद आतिफ मनाया गया जिस में एक अजीमुश्शान मुशायरा का आयोजन मोहल्ला चौहटियां स्थित ग्लोब पब्लिक स्कूल में किया गया मुशायरे में शमशाद आतिफ को उनकी साहित्यिक ۔۔۔۔۔۔के लिए शायरे फितरत अल्लामा ताहिर तिलहरी अवॉर्ड से नवाजा गया संस्था गुलशन ए मुख्तार के संरक्षक मुख्तार तिलहरी ने कहा उर्दू हिंदी साहित्य में शमशाद आतिफ की जो मेहनत और लगन है उसको नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता में शमशाद आतिफ के रोशन मुस्तक़बिल के लिए दुआ करता हूं

मुशायरे की अध्यक्षता मुख्तार तिलहरी और संचालन हसन तिलहरी ने किया
चीफ गेस्ट सौरभ गुप्ता रहे

मुशायरे में तिलहर के अलावा शाहजहांपुर कटरा जलालपुर और मुरादाबाद के शायरों ने शिरकत की प्रोग्राम देर रात तक चलता रहा

मुशायरे का शुभारम्भ मसूद हुसैन लाडले मियां ने नात ए पाक से किया
मुख्तार तिलहरी ने सुनाया
जिंदगी को जिंदगी भर जिंदगी समझा मगर
जिंदगी फिर भी तलाशे जिंदगी करती रही

वसीम मीनाई ने कहा
अब तो होगा ही कड़ी धूप का अहसास तुम्हें
तुमने आंगन के दरख़तों को गिराया क्यों था

असगर यासिर ने सुनाया
जो वार भी किया उसने वो कातिलाना था
मलाल ये है कि बरसों का दोस्ताना था

हमीद ख़िज़र ने कहा
मेरी आँखें नहीं मेरे बस में
आप अगर चाहें तो परदा कर लें

गुलिस्तां खान ने सुनाया
दो साये कड़ी धूप में एक जान हुए हैं
इस बात से कुछ लोग परेशान हुए हैं

खलीक शौक ने कहा
इस ज़माने ने साहिफों को ही ठुकराया है
तुम कलम छोड़के तलवार उठा कर देखो

अजय अवस्थी अनुरागी ने सुनाया
हवाओं की साजिश में बहक गया होगा
उजाले देने वाले घर नहीं फूंका करते

ज्ञानेन्द्र मोहन ज्ञान ने कहा
मुझे तुम मत बताओ दर्द को कैसे सहा जाये
मुझे मालूम है अब किस तरह जिंदा रहा जाए
शमशाद आतिफ ने सुनाया
मेरा जमीर है शफ़्फाफ आइने की तरह
ये और बात कि चेहरे पे हैं निशान बहुत

आतिश मुरादाबादी ने कहा
फिरदौस उसको चाहिए गोरो कफ़न के बाद
जो आदमी न बन सका सारे जतन के बाद

उस्मान आबिद जलालपुरी ने कहा
दिल ही नहीं रहा तो नज़ारों का क्या करूं
जब पास तुम नहीं तो बहारों का क्या करूं

पीयूष शर्मा ने सुनाया
तुम हमें लाख देते रहो सांत्वना
हम किसी से संभाले नहीं जाएंगे

शरीफ कटरवी ने कहा
सब ने हैरत से मेरे घर के उजाले देखे
पर किसी ने न मेरे पाऊं के छाले देखे

विकास सोनी ऋतुराज ने कहा
नसीहत बाप की भी साथ रखना
नहीं फिर दे सकेगा मात कोई

मुनीब अहमद ने सुनाया
गर दोस्त कामयाबी से जलता है आप की
इस दोस्ती को दुश्मनी का नाम दीजिये

उवैस खान शिफा ने सुनाया
हालांकि उससे कोई भी रिश्ता नहीं रहा
लेकिन वो मेरे ज़हन में जिंदा है आज भी

इनके अलावा हसीन चमन फैसल फैज हसन तिलहरी वहीद तिलहरी फरीद तिलहरी फैजान तिलहरी रेहान ताबिश साजिद सफदर वाजिद हुसैन वाजिद ने भी अपने कलाम पेश किए

मुशायरे में बसीरुद्दीन अमीर मियां अब्दुल राशिद फरीदुद्दीन गुड्डू हाफिज अरशद हाफिज फैसल हाफिज अजीम फरीद रफीक तौफीक आसिफ खान छोटू आरिफ खान हाशिम ममनून राईन दानिश फैज शादान आदि मौजूद रहे
अंत में आयोजक उवैस ख़ां शिफा हसन तिलहरी ने सभी का शुक्रिया अदा किया

गुलशन ए मुख्तार उर्दू हिंदी साहित्यिक संस्था की ओर से जश्न ए शमशाद आतिफ कार्यक्रम का आयोजन

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गुलशन ए मुख्तार उर्दू हिंदी साहित्यिक संस्था की ओर से जश्न ए शमशाद आतिफ कार्यक्रम का आयोजन



शमशाद आतिफ को मिला ताहिर तिलहरी अवॉर्ड


टेन न्यूज़ !! ०३ फरवरी २०२५ !! अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर


बीती रात गुलशन ए मुख्तार उर्दू हिंदी साहित्यिक संस्था की ओर से जश्न ए शमशाद आतिफ मनाया गया जिस में एक अजीमुश्शान मुशायरा का आयोजन मोहल्ला चौहटियां स्थित ग्लोब पब्लिक स्कूल में किया गया मुशायरे में शमशाद आतिफ को उनकी साहित्यिक ۔۔۔۔۔۔के लिए शायरे फितरत अल्लामा ताहिर तिलहरी अवॉर्ड से नवाजा गया संस्था गुलशन ए मुख्तार के संरक्षक मुख्तार तिलहरी ने कहा उर्दू हिंदी साहित्य में शमशाद आतिफ की जो मेहनत और लगन है उसको नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता में शमशाद आतिफ के रोशन मुस्तक़बिल के लिए दुआ करता हूं

मुशायरे की अध्यक्षता मुख्तार तिलहरी और संचालन हसन तिलहरी ने किया
चीफ गेस्ट सौरभ गुप्ता रहे

मुशायरे में तिलहर के अलावा शाहजहांपुर कटरा जलालपुर और मुरादाबाद के शायरों ने शिरकत की प्रोग्राम देर रात तक चलता रहा

मुशायरे का शुभारम्भ मसूद हुसैन लाडले मियां ने नात ए पाक से किया
मुख्तार तिलहरी ने सुनाया
जिंदगी को जिंदगी भर जिंदगी समझा मगर
जिंदगी फिर भी तलाशे जिंदगी करती रही

वसीम मीनाई ने कहा
अब तो होगा ही कड़ी धूप का अहसास तुम्हें
तुमने आंगन के दरख़तों को गिराया क्यों था

असगर यासिर ने सुनाया
जो वार भी किया उसने वो कातिलाना था
मलाल ये है कि बरसों का दोस्ताना था

हमीद ख़िज़र ने कहा
मेरी आँखें नहीं मेरे बस में
आप अगर चाहें तो परदा कर लें

गुलिस्तां खान ने सुनाया
दो साये कड़ी धूप में एक जान हुए हैं
इस बात से कुछ लोग परेशान हुए हैं

खलीक शौक ने कहा
इस ज़माने ने साहिफों को ही ठुकराया है
तुम कलम छोड़के तलवार उठा कर देखो

अजय अवस्थी अनुरागी ने सुनाया
हवाओं की साजिश में बहक गया होगा
उजाले देने वाले घर नहीं फूंका करते

ज्ञानेन्द्र मोहन ज्ञान ने कहा
मुझे तुम मत बताओ दर्द को कैसे सहा जाये
मुझे मालूम है अब किस तरह जिंदा रहा जाए
शमशाद आतिफ ने सुनाया
मेरा जमीर है शफ़्फाफ आइने की तरह
ये और बात कि चेहरे पे हैं निशान बहुत

आतिश मुरादाबादी ने कहा
फिरदौस उसको चाहिए गोरो कफ़न के बाद
जो आदमी न बन सका सारे जतन के बाद

उस्मान आबिद जलालपुरी ने कहा
दिल ही नहीं रहा तो नज़ारों का क्या करूं
जब पास तुम नहीं तो बहारों का क्या करूं

पीयूष शर्मा ने सुनाया
तुम हमें लाख देते रहो सांत्वना
हम किसी से संभाले नहीं जाएंगे

शरीफ कटरवी ने कहा
सब ने हैरत से मेरे घर के उजाले देखे
पर किसी ने न मेरे पाऊं के छाले देखे

विकास सोनी ऋतुराज ने कहा
नसीहत बाप की भी साथ रखना
नहीं फिर दे सकेगा मात कोई

मुनीब अहमद ने सुनाया
गर दोस्त कामयाबी से जलता है आप की
इस दोस्ती को दुश्मनी का नाम दीजिये

उवैस खान शिफा ने सुनाया
हालांकि उससे कोई भी रिश्ता नहीं रहा
लेकिन वो मेरे ज़हन में जिंदा है आज भी

इनके अलावा हसीन चमन फैसल फैज हसन तिलहरी वहीद तिलहरी फरीद तिलहरी फैजान तिलहरी रेहान ताबिश साजिद सफदर वाजिद हुसैन वाजिद ने भी अपने कलाम पेश किए

मुशायरे में बसीरुद्दीन अमीर मियां अब्दुल राशिद फरीदुद्दीन गुड्डू हाफिज अरशद हाफिज फैसल हाफिज अजीम फरीद रफीक तौफीक आसिफ खान छोटू आरिफ खान हाशिम ममनून राईन दानिश फैज शादान आदि मौजूद रहे
अंत में आयोजक उवैस ख़ां शिफा हसन तिलहरी ने सभी का शुक्रिया अदा किया

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