घेर चौबा स्थित गुलशन जहाँ गुलशन के आवास पर महफिल ए मुशायरा का आयोजन
टेन न्यूज़ !! १८ अगस्त २०२४ !! अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर
तिलहर। शाहजहाँ पुर | बीती रात बज्म ए अरबाबे सुखन की ओर से मोहल्ला घेर चौबा स्थित गुलशन जहाँ गुलशन के आवास पर महफिल ए मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमें शाहजाहाँपुर से आये मेहमान शायरों ने भी शिरकत की शायरों ने अपनी गजलों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शकील तिलहरी ने तथा संचालन माश्टर शाहिद अली ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मसूद हुसेन ने नात ए पाक से किया
शकील तिलहरी ने सुनाया –
ढूँढ रहे हैँ हम कब से
अपनो मे ही अपना पन ll
असगर यासिर ने कहा –
ब्रहना पाऊँ तुम निकलो तो य़ासिर
तुम्हारा क्या है अन्दाजा लगेगा ll
हमीद खिजर ने कहा –
बुझ न जाये कहीं चरागे हयात
मसअला है ये उनकी आमद तक
खलीक शौक ने सुनाया –
हंसा कर मुझे फिर रुलाने लगा है
मिरा ज़र्फ वो आजमाने लगा है ll
हसीब चमन ने कहा –
अजब इंसानियत का रूप देखा
कि पेशा रहबरों का रहजनी है ll
मुनीव अहमद शाहजहाँपुरी ने सुनाया –
टूट कर हम बिखर जाने वाले नहीं
ज़िंदगी तुझसे डर जाने वाले नहीं ll
कासिम अख्तर वारसी ने कहा –
हो बशर तो होने का शर्फ भी रहे बाक़ी
कुछ गुनाह तो होते हैं बेशुमार मत करना ll
तनवीर शाहजहाँ पुरी ने सुनाया –
hhhhhhhhh
गुलशन जहाँ गुलशन ने कहा —
मे पलट आती तेरी एक सदा पर ज़ालिम
प्यार से तूने जो एक बार पुकारा होता
साजिद सफदर ने कहा –
दुनिया वालों तुम को कुछ अन्दाजा है
दरवाजे के बाद भी एक दरवाजा है ll
वहीद तिलहरी ने सुनाया –
ये कौन आया हमारी अंजुमन मे
उजाला ही उजाला हो गया है ||
रेहान ताबिश ने कहा –
बहुत मासूम लहजे मे कहा रेहान ने जाकर
सुना है मेरी प्यारी माँ तेरे कदमों मे जन्नत है
अंत मे बज्म के सदस्य मृतक ज़हीर अहमद नन्हा भाई को श्रधांजली अर्पित की गई
मुशायरे में वसीर उददिन अमिर मियाँ सय्यद मतलूब अली बाबू अली जैनुल फैसल डाo अनीस हुसेन गुडड़ू हाजी मुन्ने मियाँ इरशाद पप्पू यूनुस कुरेशी अरमान अली आदि मौजूद रहे। अंत में संयोजक गुलशन जहाँ गुलशन ने सभी का शुक्रिया अदा किया।