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मातृशक्ति समाज में बड़े पदों पर रहकर रच रही इतिहास, कोई यूपी पीसीएस तो कोई राज्य कर अधिकारी के रुप में दे रही सेवाएं

By Ten News One Desk

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मिशन भक्ति फेज-5 मातृशक्ति समाज में बड़े पदों पर रहकर रच रही इतिहास, कोई यूपी पीसीएस तो कोई राज्य कर अधिकारी के रुप में दे रही सेवाएं



टेन न्यूज।। 09 अक्टूबर 2024 ।। डीपी सिंह डेस्क@ शाहजहांपुर


नवदुर्गा में बेटियों, महिलाओं की सुरक्षा, आत्मसम्मान व उनके अधिकारों के लिए सरकार द्वारा मिशन शक्ति फेज-5 का शुभारंभ किया गया है। इसमें महिला कल्याण विभाग द्वारा जनपद स्तर पर भी विभिन्न गतिविधियों को आयोजित कर महिलाओं, बेटियों को जागरूक किया जा रहा है।

आज हम आपको ऐसी मातृशक्तियों से रूबर कराते हैं, जोकि बडे़ बडे़ सरकारी पदों पर अपनी सेवाएं देकर घर परिवार का नाम रोशन कर खुद के सपनों को उडान दे रही है।

इसमें प्रयागराज की पीसीएस इशिका सिंह जोकि शाहजहांपुर में ट्रैनिंग पर सीओ पद पर सेवाएं दे रही है। कक्षा 5 तक गांव में पढाई कर शहर आकर पढाई शुरू की। इस दौरान उनको समाज, गांव के तमाम ताने मारे गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज उत्तर प्रदेश पुलिस में पीसीएस है।

उन्होंने बातचीत में बताया कि बेटियों को सेल्फ स्टडी पर ध्यान देकर एक गोल बनाकर कार्य करना चाहिए। पढाई निरंतर जारी रखनी चाहिए, समय की कीमत समझे। दूसरी मातृशक्ति में जनपद की डा.कहकशा है, जोकि लखनऊ में राज्य कर अधिकारी के रुप में कार्यरत है।

उनका कहना है कि में विद्यार्थियों को यही संदेश देना चाहती हूं कि अगर उनको सूरज की तरह चमकना है तो उनको सूरज की तरह जलना भी पड़ेगा, किसी भी एक लक्ष्य को निर्धारित करके अथक परिश्रम और तपस्या के साथ उसे लक्ष्य पर लग जाए वह लक्ष्य आपका 100 फीसदी पूर्ण होगा।

इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुरु नानक पाठशाला कन्या जूनियर हाई स्कूल व आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज शाहजहांपुर से की है। बीएड बरेली के स्प्रिग्डेल कॉलेज से करने के पश्चात पीएचडी महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है।

तीसरी मातृशक्ति की कहानी तिलहर की कुडरिना की शशि देवी की है, पांच बहन, तीन भाई है। घर की हालत ठीक नही है, इसलिए खूब मेहनत कर ईंट भट्टे पर कार्य कर खुद के सपने व परिवार की जिम्मेदारी निभा रही है।

बीए कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी बेटियों, बहनों को खुद के सपने सच करने के लिए जी जान से लगना चाहिए। मातृशक्तियों का एक ही संदेश है कि कोई सपना, मंजिल पाना कठिन नहीं है, बस जुनून चहिए।

मातृशक्ति समाज में बड़े पदों पर रहकर रच रही इतिहास, कोई यूपी पीसीएस तो कोई राज्य कर अधिकारी के रुप में दे रही सेवाएं

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मिशन भक्ति फेज-5 मातृशक्ति समाज में बड़े पदों पर रहकर रच रही इतिहास, कोई यूपी पीसीएस तो कोई राज्य कर अधिकारी के रुप में दे रही सेवाएं



टेन न्यूज।। 09 अक्टूबर 2024 ।। डीपी सिंह डेस्क@ शाहजहांपुर


नवदुर्गा में बेटियों, महिलाओं की सुरक्षा, आत्मसम्मान व उनके अधिकारों के लिए सरकार द्वारा मिशन शक्ति फेज-5 का शुभारंभ किया गया है। इसमें महिला कल्याण विभाग द्वारा जनपद स्तर पर भी विभिन्न गतिविधियों को आयोजित कर महिलाओं, बेटियों को जागरूक किया जा रहा है।

आज हम आपको ऐसी मातृशक्तियों से रूबर कराते हैं, जोकि बडे़ बडे़ सरकारी पदों पर अपनी सेवाएं देकर घर परिवार का नाम रोशन कर खुद के सपनों को उडान दे रही है।

इसमें प्रयागराज की पीसीएस इशिका सिंह जोकि शाहजहांपुर में ट्रैनिंग पर सीओ पद पर सेवाएं दे रही है। कक्षा 5 तक गांव में पढाई कर शहर आकर पढाई शुरू की। इस दौरान उनको समाज, गांव के तमाम ताने मारे गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज उत्तर प्रदेश पुलिस में पीसीएस है।

उन्होंने बातचीत में बताया कि बेटियों को सेल्फ स्टडी पर ध्यान देकर एक गोल बनाकर कार्य करना चाहिए। पढाई निरंतर जारी रखनी चाहिए, समय की कीमत समझे। दूसरी मातृशक्ति में जनपद की डा.कहकशा है, जोकि लखनऊ में राज्य कर अधिकारी के रुप में कार्यरत है।

उनका कहना है कि में विद्यार्थियों को यही संदेश देना चाहती हूं कि अगर उनको सूरज की तरह चमकना है तो उनको सूरज की तरह जलना भी पड़ेगा, किसी भी एक लक्ष्य को निर्धारित करके अथक परिश्रम और तपस्या के साथ उसे लक्ष्य पर लग जाए वह लक्ष्य आपका 100 फीसदी पूर्ण होगा।

इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुरु नानक पाठशाला कन्या जूनियर हाई स्कूल व आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज शाहजहांपुर से की है। बीएड बरेली के स्प्रिग्डेल कॉलेज से करने के पश्चात पीएचडी महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है।

तीसरी मातृशक्ति की कहानी तिलहर की कुडरिना की शशि देवी की है, पांच बहन, तीन भाई है। घर की हालत ठीक नही है, इसलिए खूब मेहनत कर ईंट भट्टे पर कार्य कर खुद के सपने व परिवार की जिम्मेदारी निभा रही है।

बीए कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी बेटियों, बहनों को खुद के सपने सच करने के लिए जी जान से लगना चाहिए। मातृशक्तियों का एक ही संदेश है कि कोई सपना, मंजिल पाना कठिन नहीं है, बस जुनून चहिए।

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