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रायबरेली के न्यू स्टैण्डर्ड बालिका विद्या मन्दिर रायबरेली में “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस” पर कार्यक्रम आयोजित

By Ten News One Desk

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रायबरेली के न्यू स्टैण्डर्ड बालिका विद्या मन्दिर रायबरेली में “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस” पर कार्यक्रम आयोजित



टेन न्यूज़ !! २८ फरवरी २०२४ !!  वसीम खान ब्यूरो,


रायबरेली। न्यू स्टैण्डर्ड बालिका विद्या मन्दिर रायबरेली में “राश्ट्रीय विज्ञान दिवस” पर एक कार्यक्रम आयोजित कर प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री चन्द्रशेखर वेंकटरमन को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए कृतज्ञता पूर्वक याद किया गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के साइंस टीचर्स क्रमशः अमन द्विवेदी, रत्नेश मिश्र, नवनीत मिश्र और प्रमांशु श्रीवास्तव ने ”नेशनल साइंस डे“ पर डॉ. सीवी रमन की वैज्ञानिक उपलब्धियों एवं उनके जीवन से जुड़ी अनेक जानकारियों से अवगत कराया। उक्त टीचर्स ने बताया कि प्रकाश के प्रक्रीर्णन पर उत्कृश्ट कार्य करने के लिए सीवी रमन को 1930 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। उनका जन्म तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में हुआ था।

वे देश में वैज्ञानिक दृश्टि एवं चिन्तन के विकास के प्रति समर्पित थे। उन्होंने हमेशा यह संदेश दिया कि हम विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृश्टिकोण से करें, उनका कहना था कि धन के स्थान पर विद्या को महत्व देने पर जोर दिया जाय। वे भारत देश की सभ्यता और संस्कृति से बहुत प्रेम करते थे।

इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य श्री तारकेश्वर सिंह जी ने सीवी रमन के सम्बन्ध में बताया कि 28 फरवरी 1928 को चन्द्रशेखर वेंकटरमन ने ”रामन प्रभाव“ की खोज की थी। जिसकी याद में भारत में इस दिन को प्रत्येक वर्श राश्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका जीवन अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

आज के पढ़ने वाले यह नन्हें-नन्हें बच्चे आने वाले कल के महान वैज्ञानिक बनकर अपना और अपने देश का नाम विश्व पटल पर हमेशा के लिए स्वर्णाक्षरां में अंकित कर सकते हैं। ”भारतरत्न“ विभूशित चन्द्रशेखर वेंकटरमन के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलता है।
इस अवसर पर सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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टेन न्यूज़ !! २८ फरवरी २०२४ !!  वसीम खान ब्यूरो,


रायबरेली। न्यू स्टैण्डर्ड बालिका विद्या मन्दिर रायबरेली में “राश्ट्रीय विज्ञान दिवस” पर एक कार्यक्रम आयोजित कर प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री चन्द्रशेखर वेंकटरमन को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए कृतज्ञता पूर्वक याद किया गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के साइंस टीचर्स क्रमशः अमन द्विवेदी, रत्नेश मिश्र, नवनीत मिश्र और प्रमांशु श्रीवास्तव ने ”नेशनल साइंस डे“ पर डॉ. सीवी रमन की वैज्ञानिक उपलब्धियों एवं उनके जीवन से जुड़ी अनेक जानकारियों से अवगत कराया। उक्त टीचर्स ने बताया कि प्रकाश के प्रक्रीर्णन पर उत्कृश्ट कार्य करने के लिए सीवी रमन को 1930 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। उनका जन्म तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में हुआ था।

वे देश में वैज्ञानिक दृश्टि एवं चिन्तन के विकास के प्रति समर्पित थे। उन्होंने हमेशा यह संदेश दिया कि हम विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृश्टिकोण से करें, उनका कहना था कि धन के स्थान पर विद्या को महत्व देने पर जोर दिया जाय। वे भारत देश की सभ्यता और संस्कृति से बहुत प्रेम करते थे।

इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य श्री तारकेश्वर सिंह जी ने सीवी रमन के सम्बन्ध में बताया कि 28 फरवरी 1928 को चन्द्रशेखर वेंकटरमन ने ”रामन प्रभाव“ की खोज की थी। जिसकी याद में भारत में इस दिन को प्रत्येक वर्श राश्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका जीवन अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

आज के पढ़ने वाले यह नन्हें-नन्हें बच्चे आने वाले कल के महान वैज्ञानिक बनकर अपना और अपने देश का नाम विश्व पटल पर हमेशा के लिए स्वर्णाक्षरां में अंकित कर सकते हैं। ”भारतरत्न“ विभूशित चन्द्रशेखर वेंकटरमन के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलता है।
इस अवसर पर सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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