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शाहजहांपुर जेल में 1 वर्ष से अधिक समय से निरुद्ध अत्यंत बुजुर्ग व जीर्ण शीर्ण बंदी गुरदीप सिंह की आज जेल से हुई  रिहाई

By tennewsone.com

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शाहजहांपुर जेल में 1 वर्ष से अधिक समय से निरुद्ध अत्यंत बुजुर्ग व जीर्ण शीर्ण बंदी गुरदीप सिंह की आज जेल से हुई  रिहाई



टेन न्यूज़ !! १२ मार्च २०२५ !! डीपी सिंह डेस्क@शाहजहांपुर


शाहजहांपुर जेल में 1 वर्ष से अधिक समय से निरुद्ध अत्यंत बुजुर्ग व जीर्ण शीर्ण बंदी गुरदीप सिंह की आज जेल से रिहाई हो ही गई।

ज्ञातव्य है कि विगत वर्ष माह नवंबर में जेल में निरुद्ध एक अत्यंत बुजुर्ग बंदी से जेल अधीक्षक मिजाजी लाल मिले। बात-बात में उससे वार्तालाप के क्रम में यह जानकारी मिली कि उसे उसी के बेटों के द्वारा षड्यंत्र करके जेल में बंद कराया है इस बंदी ने बताया कि मेरी उम्र 103 वर्ष है तथा मुझे मेरे बेटों के द्वारा ही जेल में बंद कराया है और मुझे कोई मिलने नहीं आता है मेरे पास पहनने के लिए कपड़े जूते कोट स्वेटर आदि नहीं हैं

तथा यहां तक कि मेरे पास पगड़ी के लिए भी कपड़ा नहीं है जेल अधीक्षक के द्वारा तत्काल उसे कंबल स्वेटर नमकीन बिस्कुट टूथपेस्ट बिस्किट साबुन तेल आदि की व्यवस्था किया। उसने आगे बताया कि मेरी गलती सिर्फ ये है कि मैं कुछ जमीन गुरुद्वारा को दान में देना चाहता था।

बंदी गुरदीप सिंह को कारागार से रिहा करने के लिए स्वयं सेवी संगठन “सहयोग संस्था” से संपर्क किया गया सहयोग संस्था ने 15 दिन के अंदर-अंदर माननीय न्यायालय से बंदी गुरदीप सिंह की जमानत करा दी और जमानतदार भी दाखिल कर दिए यह बात गुरदीप सिंह के बेटों को पता लगी तो उन्होंने अपनी जमानत दाखिल करने के लिए आवेदन पत्र दाखिल कर दिया और फिर उन जमानतों का सत्यापन नहीं कर रहे थे ताकि बंदी गुरदीप सिंह जेल से रिहान हो जाए।

सहयोग संस्था की टीम लगातार लगी रही जिसमें अधिवक्ता श्री जितेंद्र सिंह एवं मोहम्मद शाहनवाज पैरवी कर रहे थे। और अंत यह बंदी गुरदीप सिंह को कारागार से रिहा करने में कामयाब रहे जेल प्रशासन सहयोग संस्था का विशेष धन्यवाद ज्ञापित करता है कि कि ऐसे बुजुर्ग जिनकी कोई सहायता करने वाला नहीं था क्योंकि उन्हें उसके बेटों ने ही जेल में डलवाया था उसकी मदद की और इस उम्र के अंतिम पड़ाव में उन्हें कारागार के सीखचों से बाहर कराया।

सहयोग संस्था ने बंदी गुरदीप सिंह को कारागार से रिहा करने के बाद उनके आगे की भी रहने खाने एवं अन्य आवश्यकताओं की जिम्मेदारी ली है।

इसके अतिरिक्त सहयोग संस्था के पदाधिकारीगण ने कारागार में बंद सभी महिला बंदियों व उनके साथ रह रहे बच्चों को होली के पर्व पर विशेष रूप से बनाई जाने वाली मिठाई गुजिया, हर्बल कलर एवं गुलाल बच्चों को पिचकारी, चॉकलेट, टॉफी, बिस्कुट तथा सभी महिला बंदियों के लिए भी हर्बल गुलाल, कलर ,गुजिया, बिस्कुट आदि भी भेंट किया ताकि सभी महिला बंदी और उनके साथ रह रहे बच्चे होली का पर खुशनुमा माहौल में मान सके सभी के द्वारा महिला बंदियों और उनके बच्चों को होली की शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर सहयोग संस्था से प्रधान अनिल कुमार गुप्ता, अधिवक्ता शाहनवाज खान, जितेंद्र सिंह, श्रीमती तराना जमाल, रजनी गुप्ता व अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।

शाहजहांपुर जेल में 1 वर्ष से अधिक समय से निरुद्ध अत्यंत बुजुर्ग व जीर्ण शीर्ण बंदी गुरदीप सिंह की आज जेल से हुई  रिहाई

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शाहजहांपुर जेल में 1 वर्ष से अधिक समय से निरुद्ध अत्यंत बुजुर्ग व जीर्ण शीर्ण बंदी गुरदीप सिंह की आज जेल से रिहाई हो ही गई।

ज्ञातव्य है कि विगत वर्ष माह नवंबर में जेल में निरुद्ध एक अत्यंत बुजुर्ग बंदी से जेल अधीक्षक मिजाजी लाल मिले। बात-बात में उससे वार्तालाप के क्रम में यह जानकारी मिली कि उसे उसी के बेटों के द्वारा षड्यंत्र करके जेल में बंद कराया है इस बंदी ने बताया कि मेरी उम्र 103 वर्ष है तथा मुझे मेरे बेटों के द्वारा ही जेल में बंद कराया है और मुझे कोई मिलने नहीं आता है मेरे पास पहनने के लिए कपड़े जूते कोट स्वेटर आदि नहीं हैं

तथा यहां तक कि मेरे पास पगड़ी के लिए भी कपड़ा नहीं है जेल अधीक्षक के द्वारा तत्काल उसे कंबल स्वेटर नमकीन बिस्कुट टूथपेस्ट बिस्किट साबुन तेल आदि की व्यवस्था किया। उसने आगे बताया कि मेरी गलती सिर्फ ये है कि मैं कुछ जमीन गुरुद्वारा को दान में देना चाहता था।

बंदी गुरदीप सिंह को कारागार से रिहा करने के लिए स्वयं सेवी संगठन “सहयोग संस्था” से संपर्क किया गया सहयोग संस्था ने 15 दिन के अंदर-अंदर माननीय न्यायालय से बंदी गुरदीप सिंह की जमानत करा दी और जमानतदार भी दाखिल कर दिए यह बात गुरदीप सिंह के बेटों को पता लगी तो उन्होंने अपनी जमानत दाखिल करने के लिए आवेदन पत्र दाखिल कर दिया और फिर उन जमानतों का सत्यापन नहीं कर रहे थे ताकि बंदी गुरदीप सिंह जेल से रिहान हो जाए।

सहयोग संस्था की टीम लगातार लगी रही जिसमें अधिवक्ता श्री जितेंद्र सिंह एवं मोहम्मद शाहनवाज पैरवी कर रहे थे। और अंत यह बंदी गुरदीप सिंह को कारागार से रिहा करने में कामयाब रहे जेल प्रशासन सहयोग संस्था का विशेष धन्यवाद ज्ञापित करता है कि कि ऐसे बुजुर्ग जिनकी कोई सहायता करने वाला नहीं था क्योंकि उन्हें उसके बेटों ने ही जेल में डलवाया था उसकी मदद की और इस उम्र के अंतिम पड़ाव में उन्हें कारागार के सीखचों से बाहर कराया।

सहयोग संस्था ने बंदी गुरदीप सिंह को कारागार से रिहा करने के बाद उनके आगे की भी रहने खाने एवं अन्य आवश्यकताओं की जिम्मेदारी ली है।

इसके अतिरिक्त सहयोग संस्था के पदाधिकारीगण ने कारागार में बंद सभी महिला बंदियों व उनके साथ रह रहे बच्चों को होली के पर्व पर विशेष रूप से बनाई जाने वाली मिठाई गुजिया, हर्बल कलर एवं गुलाल बच्चों को पिचकारी, चॉकलेट, टॉफी, बिस्कुट तथा सभी महिला बंदियों के लिए भी हर्बल गुलाल, कलर ,गुजिया, बिस्कुट आदि भी भेंट किया ताकि सभी महिला बंदी और उनके साथ रह रहे बच्चे होली का पर खुशनुमा माहौल में मान सके सभी के द्वारा महिला बंदियों और उनके बच्चों को होली की शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर सहयोग संस्था से प्रधान अनिल कुमार गुप्ता, अधिवक्ता शाहनवाज खान, जितेंद्र सिंह, श्रीमती तराना जमाल, रजनी गुप्ता व अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।

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