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अजीतमल रोडवेज बस अड्डा हो रहा उपेक्षाओं का शिकार, आधा-अधूरा समाधान, डिपो की मांग ठंडे बस्ते में पड़ी

By Ten News One Desk

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अजीतमल रोडवेज बस अड्डा हो रहा उपेक्षाओं का शिकार, आधा-अधूरा समाधान, डिपो की मांग ठंडे बस्ते में पड़ी


परिवहन विभाग, संघर्ष मोर्चा, विधायक और स्थानीय लोगों के अलग-अलग प्रतिक्रिया जनता में उबाल


टेन न्यूज़ ii 28 दिसम्बर 2025 ii ब्यूरो चीफ रामजी पोरवाल औरैया। जनपद के अजीतमल- बस अड्डा शासन व प्रशासन की उपेक्षा का शिकार होता जा रहा है,

अजीतमल,बाबरपुर क्षेत्र की वर्षों पुरानी रोडवेज बस अड्डा की समस्या एक बार फिर सुर्खियों में है।

औरैया सदर विधायका गुड़िया कठेरिया के द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट करने के दौरान केवल औरैया डिपो की बसों को अजीतमल कस्बे के अंदर से चलाने की मांग रखी गई, लेकिन क्षेत्र की सबसे अहम और स्थायी मांग अजीतमल में रोडवेज डिपो स्थापना को नजरअंदाज कर दिया गया। इससे स्थानीय जनता में नाराजगी और भारी आक्रोश व्याप्त है।

वर्तमान में औरैया रोडवेज डिपो की लगभग 60 बसें प्रतिदिन हाईवे से होकर संचालित हो रही हैं। नतीजतन अजीतमल कस्बे के यात्रियों को बस पकड़ने के लिए हाईवे तक भटकना पड़ता है। छात्र, छात्राएं,महिलाएं, बुजुर्ग और दैनिक यात्री सबसे अधिक प्रभावित हैं।

क्या है लोगों की राय*
अजीतमल निवासी प्रखर विश्नोई का कहना है,“बसें हाईवे से निकल जाती हैं, कस्बे के लोगों को जोखिम उठाकर नेशनल हाईवे, सड़क पार करनी पड़ती है। यह समस्या वर्षों से है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा।”

लोगों का कहना है कि पहले भी कुछ समय के लिए बसों को कस्बे के अंदर से चलाया गया था, लेकिन रोडवेज अधिकारियों और चालकों-परिचालकों की मनमानी के चलते व्यवस्था फिर बंद हो गई।

कस्बा निवासी सोनू सैनी ने कहा कि केवल बसों को अंदर से चलाने की बात करना जनता को बहलाना है। जब तक डिपो नहीं बनेगा, तब तक कोई व्यवस्था टिकाऊ नहीं होगी।”

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि“वर्तमान में बसों का संचालन निर्धारित मार्गों और यात्री दबाव के अनुसार किया जा रहा है। कस्बे के अंदर से बस संचालन की संभावना पर विचार किया जा सकता है, लेकिन डिपो स्थापना उच्च स्तर का विषय है, जिस पर शासन स्तर से निर्णय होता है।” हालांकि स्थानीय लोग इसे जिम्मेदारी से बचने वाला बयान बता रहे हैं।

रोडवेज संघर्ष मोर्चा का तीखा रुख*
अजीतमल रोडवेज संघर्ष मोर्चा ने इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। मोर्चा के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि “केवल औरैया डिपो की बसों को कस्बे में लाने की बात जनता को गुमराह करने जैसी है।

जब तक अजीतमल में रोडवेज डिपो नहीं बनेगा, तब तक बसें कभी भी हटाई जा सकती हैं।” मोर्चा ने ऐलान किया कि विधानसभा चुनाव 2027 तक आंदोलन जारी रहेगा।

सदर विधायका गुड़िया कठेरिया ने बताया कि इस अजीतमल की बस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री जी के समक्ष औरैया डिपो की बसों को कस्बे के अंदर से चलाने की मांग रखी है, ताकि जनता को तत्काल राहत मिल सके। डिपो स्थापना का विषय भी महत्वपूर्ण है, इस पर आगे प्रयास जारी रहेंगे।”

जनता बोली-डिपो से ही मिलेगा इंसाफ*
बाबरपुर क्षेत्र के लोगों ने भी एक स्वर में डिपो की मांग दोहराई।

अंशुल गुप्ता बाबरपुर ने कहा कि “तत्काल राहत के नाम पर स्थायी मांग को दबाया नहीं जा सकता। डिपो बनेगा तभी समस्या खत्म होगी।”

ब्रजेश कुमार ने बताया कि “डिपो बनने के बाद ही बसें स्थायी रूप से अजीतमल से चलेंगी और यात्रियों को भटकना नहीं पड़ेगा।”

विशाल गुप्ता का कहना है कि
“यह सिर्फ सुविधा नहीं, अजीतमल का अधिकार है। इसे टाला नहीं जा सकता।”

*2027 तक एकजुट संघर्ष का आह्वान*
क्षेत्रवासियों ने साफ कहा कि वे किसी भी भ्रम या आश्वासन में नहीं आएंगे। अब जरूरत है कि हर मंच और हर अवसर पर शासन व जनप्रतिनिधियों के सामने अजीतमल रोडवेज डिपो की मांग को मजबूती से उठाया जाएगा।

अजीतमल रोडवेज बस अड्डा हो रहा उपेक्षाओं का शिकार, आधा-अधूरा समाधान, डिपो की मांग ठंडे बस्ते में पड़ी

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अजीतमल रोडवेज बस अड्डा हो रहा उपेक्षाओं का शिकार, आधा-अधूरा समाधान, डिपो की मांग ठंडे बस्ते में पड़ी


परिवहन विभाग, संघर्ष मोर्चा, विधायक और स्थानीय लोगों के अलग-अलग प्रतिक्रिया जनता में उबाल


टेन न्यूज़ ii 28 दिसम्बर 2025 ii ब्यूरो चीफ रामजी पोरवाल औरैया। जनपद के अजीतमल- बस अड्डा शासन व प्रशासन की उपेक्षा का शिकार होता जा रहा है,

अजीतमल,बाबरपुर क्षेत्र की वर्षों पुरानी रोडवेज बस अड्डा की समस्या एक बार फिर सुर्खियों में है।

औरैया सदर विधायका गुड़िया कठेरिया के द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट करने के दौरान केवल औरैया डिपो की बसों को अजीतमल कस्बे के अंदर से चलाने की मांग रखी गई, लेकिन क्षेत्र की सबसे अहम और स्थायी मांग अजीतमल में रोडवेज डिपो स्थापना को नजरअंदाज कर दिया गया। इससे स्थानीय जनता में नाराजगी और भारी आक्रोश व्याप्त है।

वर्तमान में औरैया रोडवेज डिपो की लगभग 60 बसें प्रतिदिन हाईवे से होकर संचालित हो रही हैं। नतीजतन अजीतमल कस्बे के यात्रियों को बस पकड़ने के लिए हाईवे तक भटकना पड़ता है। छात्र, छात्राएं,महिलाएं, बुजुर्ग और दैनिक यात्री सबसे अधिक प्रभावित हैं।

क्या है लोगों की राय*
अजीतमल निवासी प्रखर विश्नोई का कहना है,“बसें हाईवे से निकल जाती हैं, कस्बे के लोगों को जोखिम उठाकर नेशनल हाईवे, सड़क पार करनी पड़ती है। यह समस्या वर्षों से है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा।”

लोगों का कहना है कि पहले भी कुछ समय के लिए बसों को कस्बे के अंदर से चलाया गया था, लेकिन रोडवेज अधिकारियों और चालकों-परिचालकों की मनमानी के चलते व्यवस्था फिर बंद हो गई।

कस्बा निवासी सोनू सैनी ने कहा कि केवल बसों को अंदर से चलाने की बात करना जनता को बहलाना है। जब तक डिपो नहीं बनेगा, तब तक कोई व्यवस्था टिकाऊ नहीं होगी।”

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि“वर्तमान में बसों का संचालन निर्धारित मार्गों और यात्री दबाव के अनुसार किया जा रहा है। कस्बे के अंदर से बस संचालन की संभावना पर विचार किया जा सकता है, लेकिन डिपो स्थापना उच्च स्तर का विषय है, जिस पर शासन स्तर से निर्णय होता है।” हालांकि स्थानीय लोग इसे जिम्मेदारी से बचने वाला बयान बता रहे हैं।

रोडवेज संघर्ष मोर्चा का तीखा रुख*
अजीतमल रोडवेज संघर्ष मोर्चा ने इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। मोर्चा के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि “केवल औरैया डिपो की बसों को कस्बे में लाने की बात जनता को गुमराह करने जैसी है।

जब तक अजीतमल में रोडवेज डिपो नहीं बनेगा, तब तक बसें कभी भी हटाई जा सकती हैं।” मोर्चा ने ऐलान किया कि विधानसभा चुनाव 2027 तक आंदोलन जारी रहेगा।

सदर विधायका गुड़िया कठेरिया ने बताया कि इस अजीतमल की बस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री जी के समक्ष औरैया डिपो की बसों को कस्बे के अंदर से चलाने की मांग रखी है, ताकि जनता को तत्काल राहत मिल सके। डिपो स्थापना का विषय भी महत्वपूर्ण है, इस पर आगे प्रयास जारी रहेंगे।”

जनता बोली-डिपो से ही मिलेगा इंसाफ*
बाबरपुर क्षेत्र के लोगों ने भी एक स्वर में डिपो की मांग दोहराई।

अंशुल गुप्ता बाबरपुर ने कहा कि “तत्काल राहत के नाम पर स्थायी मांग को दबाया नहीं जा सकता। डिपो बनेगा तभी समस्या खत्म होगी।”

ब्रजेश कुमार ने बताया कि “डिपो बनने के बाद ही बसें स्थायी रूप से अजीतमल से चलेंगी और यात्रियों को भटकना नहीं पड़ेगा।”

विशाल गुप्ता का कहना है कि
“यह सिर्फ सुविधा नहीं, अजीतमल का अधिकार है। इसे टाला नहीं जा सकता।”

*2027 तक एकजुट संघर्ष का आह्वान*
क्षेत्रवासियों ने साफ कहा कि वे किसी भी भ्रम या आश्वासन में नहीं आएंगे। अब जरूरत है कि हर मंच और हर अवसर पर शासन व जनप्रतिनिधियों के सामने अजीतमल रोडवेज डिपो की मांग को मजबूती से उठाया जाएगा।

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