रायबरेली: नहर विभाग की बड़ी लापरवाही, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी नाले की सफाई; मंडरा रहा जानलेवा खतरा
टेन न्यूज़ ii 28 दिसम्बर 2025 ii रिपोर्ट वसीम खान ब्यूरो, रायबरेली
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनदेखी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सदर तहसील के थाना भदोखर अंतर्गत जगदीशपुर में नहर विभाग की लापरवाही स्थानीय ग्रामीणों के लिए काल साबित हो सकती है। आरोप है कि करोड़ों रुपये के बजट के बावजूद नाले की सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गई है, जिससे अब बड़े हादसे का डर बना हुआ है
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी ‘मजबूत पटरियां’
स्थानीय सूत्रों और ग्रामीणों के अनुसार, शारदा नहर से सई नदी में आपातकालीन पानी निकासी के लिए बनाए गए इस नाले की पटरियां पहले काफी मजबूत थीं। लेकिन हाल ही में नहर विभाग के ठेकेदारों और उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से मानक के विपरीत सफाई कार्य कराया गया।
मुख्य समस्याएं जो खतरे को दावत दे रही हैं:
गहरे गड्ढे: नाले की सफाई के बाद पटरियों पर 25 से 30 फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं।
जान-माल का खतरा: इन गड्ढों में आए दिन मवेशी गिर रहे हैं, साथ ही राहगीरों और ग्रामीणों के गिरने का भी गंभीर खतरा बना रहता है।
मानक विहीन कार्य: आरोप है कि सफाई के नाम पर करोड़ों के बजट का बंदरबांट कर लिया गया और जमीनी स्तर पर काम सिर्फ कागजों तक सीमित रहा।
अधिकारियों की चुप्पी और कर्मचारियों की बेरुखी
हैरानी की बात यह है कि सफाई कार्य के बाद से अब तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मुआयना करने नहीं पहुंचा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। नाले की देखरेख के लिए तैनात कर्मचारी भी इतने बेपरवाह हैं कि उन्होंने उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराना तक मुनासिब नहीं समझा।
”जब से नाले का निर्माण हुआ था, तब से पटरियां सुरक्षित थीं। लेकिन अब विभाग ने सफाई के नाम पर उसे मौत का जाल बना दिया है। कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है।” — स्थानीय ग्रामीण
प्रशासन से उठते सवाल
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। यदि समय रहते गड्ढों को नहीं भरा गया और पटरियों को दुरुस्त नहीं किया गया, तो किसी भी समय कोई बड़ा हादसा जिला प्रशासन की नींद उड़ा सकता है।
टेन न्यूज के लिए रायबरेली से ब्यूरो वसीम खान की रिपोर्ट






