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वज्रपात से सुरक्षा के लिए अपनाएं सावधानी, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कन्नौज ने जनपद के नागरिकों के लिए वज्रपात से बचाव और सुरक्षा हेतु एडवाइजरी की जारी
टेन न्यूज़ !! 01 अगस्त २०२४ !! प्रभाष चन्द्र ब्यूरो, कन्नौज
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कन्नौज ने जनपद के नागरिकों के लिए वज्रपात से बचाव और सुरक्षा हेतु एडवाइजरी जारी की है।
जिला आपदा विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि आमतौर पर आकाशीय बिजली/वज्रपात से होने की सबसे अधिक संभावना ऊंचे इलाके जैसे पहाड़ या कोई ऊंचे पेड़ पर होती है। इसके साथ ही उन इलाकों में भी वज्रपात की संभावना होती है जहां पानी अधिकांश मात्रा में उपलब्ध हो। बिजली के लिए पानी एक कंडक्टर के रूप में काम करता है इसलिए पानी के स्त्रोत के आसपास वज्रपात होने का खतरा अधिक होता है।
वज्रपात से बचने के लिए क्या करें।
• यदि आप खुले स्थान पर हैं तो जल्द से जल्द किसी पक्के मकान में शरण लें।
• सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें।
• यदि आप जंगल में हों, तो छोटे एवं घने पेड़ों की शरण में चले जायें।
• बिजली की सुचालक वस्तुएं एवं धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर लें।
• घायल व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले जाने की व्यवस्था करें।
• स्थानीय रेडियो एवं अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।
खेत खलिहान में काम करने के दौरान बिजली गिरे तो क्या करें।
• यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हैं, और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाएं तो सबसे पहले आप जहां है वहीं रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
• दोनो पैरों को आपस में सटा लें, दोनो हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन को तरफ झुका लें।
• अपने कान बंद करें और सिर को जमीन से न सटने दें, जमीन पर कभी भी न लेटें।
• आकस्मिक स्थिति में किसी भी मरीज को एम्बुलेंस द्वारा स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाने के लिए फ्री में राज्य हेल्पलाईन नंबर 108 (टोल फ्री) पर कॉल करें।
आकाशीय बिजली गिरने पर क्या न करें।
* अगर आप घर पर हैं तो खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे के समीप और छत पर न जायें।
• पानी , फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छूएं।
• तालाब और जलाशय के समीप न जायें।
• बिजली के उपकरण या तार के संपर्क से बचें।
• बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें।
* समूह में न खड़े हों, बल्कि अलग-अलग खड़े रहे।
• पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें।
* बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
• ऊंची इमारतें, बिजली एवं टेलीफोन के खंभो के नीचे कभी भी शरण नहीं लें।
वज्रपात के चपेट में आने पर क्या करें।
* वज्रपात से पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने से उनकी जान बच सकती है। ऐसी स्थिति में पीड़ित और बचावकर्ता दोनों ही निरंतर बिजली के खतरे से अवगत रहें। यदि आप पेड़ या खुले स्थान पर हैं तो पीड़ित को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
दरअसल, किसी व्यक्ति पर आकाशीय बिजली गिरती है तो इंसान की एनर्जी खत्म हो जाती है, दिल को झटका लगता है। दिल की धड़कन बंद हो जाती है या तो बेहद धीमा हो जाता है, और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन बंद होने लगे तो उसे तुरंत C.P.R. (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दें।
* उसकी हथेलियों और तलवे को जोर-जोर से रगड़ें। इसके साथ ही तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करें ताकि जल्द से जल्द इंसान को ठीक किया जा सके।
•आपातकालीन सेवा के लिए तुरंत टोल फ्री नम्बर 108 पर सूचित करें।
दामिनी ऐप का प्रयोग करके वज्रपात की सही जानकारी लें।
भारत सरकार ने वज्रपात से पहले अलर्ट देने के लिए दामिनी ऐप लॉन्च किया है।
यह ऐप मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आम लोगों के साथ-साथ किसानों के लिए भी फ़ायदेमंद है।
इस ऐप की मदद से बिजली गिरने की सही जानकारी मिलती है और लोगों को सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाने में मदद मिलती है।
दामिनी ऐप की विशेषताएं।
यह ऐप यूज़र के मोबाइल के GPS लोकेशन के आधार पर 20 से 40 किलोमीटर के दायरे में वज्रपात (बिजली गिरने) की संभावना का पता लगाता है।
यह ऐप वज्रपात की गड़गड़ाहट और रफ़्तार भी बताता है। बिजली गिरने से करीब 7 से 8 मिनट पहले ही अलर्ट भेज देता है।
यह ऐप किसी भी गंभीर लाइटनिंग या थंडर स्टॉर्म से करीब 30 से 45 मिनट पहले से अलर्ट भेजना शुरू कर देता है और अगले 40 मिनट तक उस जगह पर बिजली गिरने की चेतावनी भी देता है।