जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों हेतु औद्यानिक विकास योजना व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अनुमोदन के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न
टेन न्यूज़ !! १९ नवम्बर २०२४ !! डीपी सिंह डेस्क@ शाहजहाँपुर
जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों हेतु औद्यानिक विकास योजना व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पी.एम.एफ.एम.ई.) के अनुमोदन के सम्बन्ध में बैठक विकास भवन सभागार में आहूत की गई।
जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत कार्यकमवार कृषकों के मध्य प्रचार-प्रसार कराने एवं प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत कियान्वयन के साथ बीजों की गुणवत्ता एवं मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने के साथ ही योजनान्तर्गत चयनित मौनपालकों से गुणवत्तायुक्त शहद उत्पादन, शाकभाजी, मसाला क्षेत्र विस्तार के अन्तर्गत उत्पादित मसाला मिर्च एवं विशेषकर रबी मौसम मे होने वाले औद्यानिक फसलों का गुणवत्तायुक्त उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया।
जिलाधिकारी ने पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम की समीक्षा में अब तक कृषकों द्वारा आवेदित प्रोजेक्ट आधारित कार्यक्रम के बारे मे जिला उद्यान अधिकारी से जानकारी ली एवं जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद की जलवायु मे होने वाली औद्यानिक फसलों पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट हेतु अधिकाधिक प्रस्ताव निदेशालय उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उ०प्र० को भेजा जाना सुनिश्चित करें ताकि कृषकों द्वारा लिये गये उत्पादों का गुणवत्तायुक्त प्रबन्धन सुनिश्चित किया जाना सम्भव हो सके।
जिलाधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों हेतु औद्यानिक विकास योजना (एस.सी.पी.) योजनान्तर्गत कार्यकमवार अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों के मध्य प्रचार-प्रसार कराने एवं मानकों के अनुरूप कियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया एवं साथ ही आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गये उद्यान सहायक को नियमित रूप से भुगतान किये जाने हेतु उनकी ओर से मुख्य सचिव महोदय उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत सूक्ष्म उद्योगों यथा व्यक्तिगत खाद्य उद्यमों का उन्नयन जिसमें पूर्व से असंगठित क्षेत्र में संचालित सूक्ष्म खाद्य उद्यम तथा नवीन खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया
एवं इसी क्रम में बैठक में उपस्थित पी०एम०एफ०एम०ई० के अन्तर्गत नामित डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन्स से लाभार्थियों द्वारा लगाई गई यूनिट के बारे में जानकारी ली गई तथा इसी परिप्रेक्ष्य में जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि योजनान्तर्गत लागत का 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक अनुदान (अधिकतम रू0 10 लाख प्रति उद्यम) का लाभ दिया जा सकता है।
योजनान्तर्गत एफ०पी०ओ०, स्वयं सहायता समूहों एवं को-ऑपरेटिव को सहायता प्रदान की जानी है जिसके अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सहायता समूह के प्रत्येक सदस्य को प्रारम्भिक पूंजी (सीड कैपिटल) के रूप में वर्किंग कैपिटल तथा औजारों की खरीद के लिए अधिकतम रू 4,00,000/- की ऋण सुविधा एस०आर०आई०एम० के माध्यम से उपलब्ध कराई जानी है।
इस प्रकार योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को उनके द्वारा आवेदित उत्पाद हेतु पैकेजिंग / ब्राण्डिंग विकसित करने तथा बिकी सहायता हेतु खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए कुल वास्तविक व्यय का 50 प्रतिशत सहायता प्रदान की जायेगी। योजनान्तर्गत स्वयं सहायता समूह संगठनों के द्वारा तैयार की गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी०पी०आर०) और राज्य नोडल एजेंसी द्वारा दिये गये अनुमोदन के आधार पर दी जायेगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा० अपराजिता सिंह सिनसिनवार, परियोजना निदेशक, डी०आर०डी०ए० अवधेश राम, उप कृषि निदेशक धीरेन्द्र सिंह, जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर, जिला गन्ना अधिकारी जितेन्द्र मिश्रा, जिला उद्यान अधिकारी पुनीत कुमार पाठक, उद्यान निरीक्षक अनिल कुमार, अग्रणी बैंक प्रबन्धक राधे रमन तिवारी, एवं शीतगृह स्वामी, डी०आर०पी० व प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे।