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43 वर्ष पश्चात करनौली ग्राम के किसानों के हाॅथों में आये भू-अभिलेख, ‘‘नन्दलालपुर के बाद करनौली ग्राम के किसानो के हांथो में आई खतौनी, खिले चेहरे।‘‘
“अब करनौली ग्राम के किसानो को भी मिलेगा केन्द्र व राज्य सरकार की जनकल्याणीकारी योजनाओ का लाभ।‘‘
‘‘सबको विश्वास में लेकर कार्य करेगे तो किसी कार्य में बाधा नही आयेगी।‘‘
‘‘इच्छा शक्ति और पारदर्शिता से कठिन से कठिन कार्य सम्भव हो जाते हैं।‘‘
‘‘पारदर्शिता के साथ कार्य करने से सभी किसान संतुष्ट हैं।-जिलाधिकारी‘‘
टेन न्यूज़ !! २७ फरवरी २०२४ !! प्रभाष चन्द्र ब्यूरो, कन्नौज
जिलाधिकारी श्री शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने तहसील छिबरामऊ क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम करनौली में जले हुये भू-अभिलेखों का रिकार्ड दुरूस्त कराकर किसानों के हाथों में सौपी खतौनी। इस अवसर पर उन्होनेे कहा कि भू-अभिलेख न होने के कारण करनौली गांव के किसानो को अनेक प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ रहा था।
कहा कि किसानो को भू-अभिलेखो के आधार पर ही जमीन का मालिक माना जाता है। सन् 1990 में अग्निकांड की वजह से 35 ग्रामों के भू-अभिलेख जल गये थे। 43 वर्षों से भू-अभिलेख न होने की वजह से ग्राम करनौली के किसानों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ नही मिल पा रहा था।
उन्होने कहा कि अग्निकांड मे जब भू-अभिलेख जल गये थे यदि उसी समय भू-अभिलेख बनाने का प्रयास किया जाता तो आसानी से भू-अभिलेख तैयार हो जाते और किसानो को इतनी कठिनाइयों का सामना न करना पड़ता, जो इस समस्या से 35 गांव ग्रसित हुये। उन्होने कहा कि सरकार का यही प्रयास है कि जले हुये भू-अभिलेख ग्राम के किसानो को खतौनी उपलब्ध हो जाये। विश्वास के आभाव के कारण जो कार्य सम्भव नही हो पाया है, उसे अब धीरे-धीरे पूर्ण किया जा रहा है।
श्री शुक्ल ने कहा कि चकबंदी का कार्य बहुत ही जटिल कार्य है। धैर्य और सहयोग से यह कार्य संभव हो पाया है। जमीन के कागज तैयार करना कठिन कार्य है। समस्यायें आयी परन्तु धीरे-धीरे समस्याओं का निराकरण होता गया। उन्होने कहा कि अंतिम प्रपत्र जो वितरण कर दिया गया है उसके आप मालिक हैं। कहा कि इस कार्य में सभी अधिकारी व कर्मचारी तथा ग्रामवासी बधाई के पात्र हैं।
अब बैंक से किसानों को किसान के्रडिट बनेेगा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित होंगे। इसके साथ सरकार द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही है, उन योजनाओं का लाभ मिलेगा।
बन्दोबस्त चकबंदी अधिकारी श्री मोहन लाल ने बताया गया कि दिनंाक 10.07.1980 को ग्राम करनौली में धारा 4(2) के अन्तर्गत प्रकाशन हुआ, तथा ग्राम में कब्जा परिवर्तन 1985 में किया गया। ग्राम में चकबंदी प्रक्रिया दिनंाक 28.01.2009 को निरस्त कर दी गई थी। पुनः चकबंदी प्रक्रिया में दिनांक 23.09.2016 को सम्मिलित किया गया। वर्तमान में जिलाधिकारी के अथक प्रयासों से पूर्व धारा 6(1) एंव पुनः धारा 4क(2) की कार्यवाही को दिनंाक 20.03.2023 को निरस्त करके पूर्व एवं वर्तमान कब्जे के आधार पर अंतिम अभिलेख तैयार किये गये हैं। इस प्रकार प्राप्त आपत्तियों को निस्तारित कर अंतिम अभिलेख तैयार किये गये। इससे पूर्व दिनांक 26 सितम्बर, 2023 को जिलाधिकारी द्वारा ग्राम नन्दलालपुर के किसानो को खतौनी वितरित की गयी थी।
खतौनी पाकर किसानों के खिले चेहरे, किसानों ने जिलाधिकारी की भूरि-भूरि की प्रसंशा।ग्राम प्रधान जदुनाथ सिंह ने कहा कि वर्षों से कागज न होने के कारण यहां के किसान सरकार की योजनाओं से वंचित थे, आज हमारे गांव के किसान जिलाधिकारी के कर कमलो से खतौनी पाकर बहुत उत्साहित है। जिलाधिकारी के कठोर परिश्रम से यह कार्य संभव हुआ है, जिनका मैं दिल से धन्यवाद करता हूं।
इस अवसर पर तहसीलदार छिबरामऊ सहित संबंधित अधिकारी एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।