पीलीभीत और बीसलपुर में बाढ़ का कहर, घरों में घुसा पानी, छतों पर रहकर रात गुजरने को विवश हुए लोग
टेन न्यूज़ !! १० जुलाई २०२४ !! ब्यूरो न्यूज@पीलीभीत
देवहा नदी में नानक सागर से 56 हजार क्यूसेक पानी पास किए जाने से पीलीभीत में सोमवार देर रात हालात बिगड़ गए। मंगलवार को शहर के लोग दिनभर बाढ़ से जूझे। हर तरफ जलभराव हो गया। नदी किनारे बसे मोहल्ले बेनी चौधरी और फीलखाना टापू बन गए।
परेशानी के बीच छतों पर शरण लेकर लोग जलस्तर कम होने का इंतजार करते रहे। शहर में 27 वार्ड हैं, जिसमें 12 वार्डों की 35 से 40 हजार आबादी अधिक प्रभावित रही। उधर, मंगलवार रात बीसलपुर में बाढ़ का पानी भर गया। अचानक आए पानी से अफरातफरी मच गई। पूरा कस्बा जलमग्न हो गया। पटेल नगर समेत कई मोहल्ले के घरों में पानी भर गया। लोगों ने छत पर रात गुजारी।
सोमवार रात जलस्तर बढ़ने से देवहा नदी का पानी ओवरफ्लो होकर शहर में घुसना शुरू हुआ। इससे पहले से ही जलभराव से ग्रस्त मोहल्ला फीलखाना, बेनी चौधरी में सात फीट तक पानी भर गया। इससे हड़कंप मच गया। लोग जरूरी सामान को सुरक्षित बचाने की जुगत में जुट गए और परिवार के साथ छतों पर चढ़ गए।
सड़कों पर खड़े वाहन पानी में डूब गए। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसके अलावा शहर के बनकटी, टनकपुर हाईवे, सिविल लाइन चौकी, बेला का चौराहा, खकरा, लेखराज चौराहा, केजीएन टू, मोहशीन खां, रामलीला रेलवे क्रॉसिंग, डिग्री कॉलेज, नौगवां चौराहा और रोडवेज क्षेत्र में भी करीब तीन फुट तक पानी भर गया। सड़कें पानी से लबालब हो गईं। इस इलाके के कुछ घरों में भी पानी घुसा। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
शहर में हर तरफ बाढ़ का असर देखने को मिला लेकिन बेनी चौधरी, फीलखाना, नौगवां, बल्लभनगर व पंजाबियान मोहल्ले की करीब 35 हजार आबादी बाढ़ से अधिक प्रभावित हुई। इन इलाकों में लोग घरों की छतों पर चढ़ने को मजबूर हुए। घरेलू सामान नष्ट हो गया। मंगलवार को एनडीआरएफ की टीमों ने इन इलाकों में रेस्क्यू शुरू किया, खतरे वाले क्षेत्र में फंसे एक व्यक्ति को रेस्क्यू कर बचाया गया। अन्य घरों में मौजूद रहकर जलस्तर कम होने का इंतजार करते रहे। खाने-पीने के सामन को लेकर भी परेशानी हुई।
नौगवां के समीर ने बताया कि दो दिन से क्षेत्र में जलभराव की स्थिति है। सोमवार रात हालात अधिक बिगड़ गए। सभी छतों पर चढ़े गए। जरूरी सामान के लिए जोखिम के बीच पानी से होकर जाना पड़ा। गंगोत्रीपुरम के अभिनव कुमार ने बताया कि बाढ़ के पानी से सड़कें पानी से लबालब हो गईं। घरों के अंदर पानी घुसने से हालात बदतर हो गए। अधिकांश सामान भीग गया। परेशानी के बीच लोग समय काटने पर मजबूर रहे।
बाढ़ के बीच प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य में तेजी करने का दावा गया। इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी व एसएसबी की टीम बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव कार्य में जुटी हैं। फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। वहीं बाढ़ से प्रभावित इलाकों में भोजन की व्यवस्था के लिए कम्युनिटी किचन शुरू कराया गया। पूरनपुर, कलीनगर, मझोला आदि क्षेत्रों में भोजन उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है।
बीसलपुर समेत तहसील क्षेत्र में देवहा नदी का जलस्तर बढ़ने से मंगलवार शाम नदी के निकट बसे गांवों में पानी घुसने लगा। गांव रिछोला घासी के पास 10 फीट की ऊंचाई में पानी बहने लगा। ऐसे में गांव के पास पांच लोग बाढ़ के पानी में फंस गए और पेड़ों पर चढ़ गए। जानकारी मिलने के बाद एसडीएम महिपाल सिंह, सीओ प्रतीक दहिया, तहसीलदार करम सिंह और कोतवाल अशोक पाल मौके पर पहुंच गए। रेस्क्यू टीम ने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
रात करीब 10 बजे पूरे बीसलपुर में बाढ़ का पानी भर गया। नगर के पटेल नगर समेत कई मोहल्ले जलमग्न हो गए। अचानक आए बाढ़ के पानी से लोग दहशत में आ गए। रातभर पानी बढ़ता रहा। बुधवार की सुबह पानी स्थिर हो गया है। बाढ़ से लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। सुबह करीब नौ बजे बारह पत्थर चौराहा और साहूजी स्कूल के पास सड़कों पर तीन फीट तक पानी बह रहा था।
पटेलनगर में साहूजी स्कूल के पास रहने वाले सोनू ने बताया कि मंगलवार रात करीब 10 बजे उनके घर में बाढ़ का पानी भरने लगा। मोहल्ले में जिन लोगों के मकान नीचले हैं, उनमें भी यही हाल रहा। कुशलपाल ने बताया कि बाढ़ के पानी से उनका हजारों रुपये का भूसा बर्बाद हो गया। उमाशंकर गुप्ता किराना की दुकान चलाते हैं। उनकी दुकान में भी पानी भर गया। इससे काफी नुकसान हुआ है।