ईश्वर निराकार और कण-कण में व्याप्त है : आचार्य जितेंद्र सिंह आर्य
टेन न्यूज़ ii 21 दिसम्बर 2025 ii अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर
ईश्वर निराकार और कण-कण में व्याप्त है। मानव मात्र से लेकर समस्त प्राणियों और सृष्टि की रचना ईश्वर के स्वरूप को प्रदर्शित करती है।
रविवार को प्रातः आर्य समाज में साप्ताहिक वैदिक विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए आचार्य जितेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि सृष्टि को बनाने वाला परमपिता परमात्मा है उसने सुंदर संसार रचा है।
प्राणी मात्र को उसने इस सुंदर वाटिका में त्याग पूर्वक उपभोग के लिए भेजा है। हमें जो भी साधन मिल रहे हैं उनका त्याग पूर्वक उपभोग करते हुए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए।
मंत्री लोकेश आर्य ने ऋग्वेदादिभाष्य भूमिका को पढ़कर सुनाते हुए ईश्वर प्राप्ति के लिए योगाभ्यास किए जाने और वेद मार्ग पर चलने का आवाहन किया। कृष्ण मुरारी आर्य और खुशी आर्या ने ईश्वर भक्ति का भजन सुना कर सभी को भाव विभोर कर दिया।
शौर्य कमार ने स्वामी दयानंद सरस्वती के अमूल्य ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर सुनाते हुए निराकार ईश्वर की उपासना पर बल दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक यज्ञ के साथ हुआ। इस अवसर पर दासीराम आर्य, डॉक्टर गिरीशचंद्र शर्मा, विष्णु पाल, अमित कुमार, खुशी आर्य सहित तमाम श्रद्धालु उपस्थित रहे।






