शाहजहांपुर में जीएसटी टीम की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों रूपये के टैक्स चोरी का खुलासा, फर्जी बिलिंग और आईटीसी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश अरावली की गोद में बैठकर टीकाराम जूली का हमला, 27 दिसंबर को अलवर में जनजागरण अभियान पुवायां तहसील क्षेत्र में लेखपाल संघ शाहजहांपुर द्वारा जरूरतमंदों को कंबल वितरण, ठंड से राहत पाकर बुजुर्गो के खिले चेहरे भारतीय कृषक दल द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील तिलहर परिसर में चल रहा गांधीवादी शांतिपूर्ण सत्याग्रह पांचवें दिन भी जारी वॉइस ऑफ़ कन्नौज 90.4 मेगा हर्ट्ज़ के ख़ास मुलाक़ात कार्यक्रम में शामिल हुए ज़िलाधिकारी आशुतोष मोहन
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शाहजहांपुर में जीएसटी टीम की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों रूपये के टैक्स चोरी का खुलासा, फर्जी बिलिंग और आईटीसी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश

By Ten News One Desk

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शाहजहांपुर में जीएसटी टीम की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों रूपये के टैक्स चोरी का खुलासा, फर्जी बिलिंग और आईटीसी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश


टेन न्यूज़ ii 27 दिसम्बर 2025 ii डेस्क न्यूज़ शाहजहांपुर।


जनपद के ग्राम मरैना में पंजीकृत फर्म सर्वश्री महादेव इंटरप्राइजेज पर जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी बिलिंग और आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है।

यह कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर SIB बरेली श्री अनिरुद्ध सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा की गई, जिसमें असिस्टेंट कमिश्नर श्री वेद प्रकाश शुक्ला, श्री विकास मिश्रा एवं सचल दल इकाई शाहजहांपुर शामिल रही।

प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई इस जांच में सामने आया कि संबंधित व्यापारी द्वारा वास्तव में कोई व्यापार नहीं किया जा रहा था, बल्कि केवल फर्जी बिल जारी कर आईटीसी बेचने का काम किया जा रहा था।

इन बिलों का उपयोग दिल्ली की विभिन्न फर्मों द्वारा निर्यात (एक्सपोर्ट) दिखाकर गलत तरीके से रिफंड लेने में किया जा रहा था।

जांच के दौरान डाटा विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया कि फर्म ने अप्रैल 2025 में जीएसटी पंजीयन कराया था और इसके बाद मात्र 8 महीनों के भीतर लखनऊ, एटा, हाथरस, दिल्ली एवं हरियाणा में बोगस फर्मों का नेटवर्क खड़ा करते हुए लगभग 150 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए गए। इस पूरे खेल के माध्यम से करीब 25 करोड़ रुपये की कर चोरी की गई।

जब विभागीय टीम ने फर्म के व्यापार स्थल पर भौतिक जांच की, तो पाया गया कि वहां किसी भी प्रकार की वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि संचालित नहीं हो रही थी।

पूछताछ के दौरान फर्म के प्रोपराइटर श्री सूरज पाल सिंह ने दावा किया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनके जीएसटी नंबर से इतने बड़े पैमाने पर फर्जी बिल जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि फर्म का संचालन उनके बेटे और दामाद द्वारा किया जाता है, जो वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं।

जांच में अब तक सामने आए तथ्यों के अनुसार, इस रैकेट में शामिल विभिन्न फर्मों द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी पहले ही प्रकाश में आ चुकी है।

जीएसटी विभाग की टीम मामले की गहन जांच में जुटी हुई है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

इस कार्रवाई से जहां एक ओर कर चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है, वहीं दूसरी ओर ईमानदार व्यापारियों और आम जनता में यह संदेश गया है कि जीएसटी विभाग टैक्स चोरी के खिलाफ सख्त और लगातार कार्रवाई कर रहा

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जनपद के ग्राम मरैना में पंजीकृत फर्म सर्वश्री महादेव इंटरप्राइजेज पर जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी बिलिंग और आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है।

यह कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर SIB बरेली श्री अनिरुद्ध सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा की गई, जिसमें असिस्टेंट कमिश्नर श्री वेद प्रकाश शुक्ला, श्री विकास मिश्रा एवं सचल दल इकाई शाहजहांपुर शामिल रही।

प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई इस जांच में सामने आया कि संबंधित व्यापारी द्वारा वास्तव में कोई व्यापार नहीं किया जा रहा था, बल्कि केवल फर्जी बिल जारी कर आईटीसी बेचने का काम किया जा रहा था।

इन बिलों का उपयोग दिल्ली की विभिन्न फर्मों द्वारा निर्यात (एक्सपोर्ट) दिखाकर गलत तरीके से रिफंड लेने में किया जा रहा था।

जांच के दौरान डाटा विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया कि फर्म ने अप्रैल 2025 में जीएसटी पंजीयन कराया था और इसके बाद मात्र 8 महीनों के भीतर लखनऊ, एटा, हाथरस, दिल्ली एवं हरियाणा में बोगस फर्मों का नेटवर्क खड़ा करते हुए लगभग 150 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए गए। इस पूरे खेल के माध्यम से करीब 25 करोड़ रुपये की कर चोरी की गई।

जब विभागीय टीम ने फर्म के व्यापार स्थल पर भौतिक जांच की, तो पाया गया कि वहां किसी भी प्रकार की वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि संचालित नहीं हो रही थी।

पूछताछ के दौरान फर्म के प्रोपराइटर श्री सूरज पाल सिंह ने दावा किया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनके जीएसटी नंबर से इतने बड़े पैमाने पर फर्जी बिल जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि फर्म का संचालन उनके बेटे और दामाद द्वारा किया जाता है, जो वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं।

जांच में अब तक सामने आए तथ्यों के अनुसार, इस रैकेट में शामिल विभिन्न फर्मों द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी पहले ही प्रकाश में आ चुकी है।

जीएसटी विभाग की टीम मामले की गहन जांच में जुटी हुई है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

इस कार्रवाई से जहां एक ओर कर चोरी करने वालों में हड़कंप मच गया है, वहीं दूसरी ओर ईमानदार व्यापारियों और आम जनता में यह संदेश गया है कि जीएसटी विभाग टैक्स चोरी के खिलाफ सख्त और लगातार कार्रवाई कर रहा

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