नोएडा बना भ्रष्टाचार का हब, जेई भर्ती घोटाले की जांच शुरू
टेन न्यूज़ !! २५ सितम्बर २०२४ !! गीता बाजपेई ब्यूरो, नोएडा
नोएडा प्राधिकरण में जेई भर्ती घोटाले की जांच शुरू की गई है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों के रिश्तेदारों को 5 से 50 लाख रुपए लेकर ईएंडएम विभाग में विभाग में तैनात किया गया है। यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम से जुड़ा है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बैठक में शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं।
सीईओ लोकेश एम के मुताबिक, तैनाती अनुमोदन लेकर की गई है। लेकिन विभाग में संविदा पर तैनात जेई को लेकर कुछ शिकायतें मिली हैं जिसकी वास्तविकता जानने के लिए जांच करने का आदेश दिया गया है रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि पूरा खेल प्रतिनियुक्ति पर उप महाप्रबंधक राजेश कुमार के अभिलेखों में रहने के दौरान हुआ है। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर राजेश कुमार ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है उनका कहना है कि तैनाती प्राधिकरण सीईओ से अनुमोदन के बाद की गई है।
भाजपा अध्यक्ष ने दाखिल की थी याचिका
भाजपा महानगर अध्यक्ष की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि जून माह में धार्मिक अधिकारियों की ओर से भाजपा महानगर अध्यक्ष से बड़ी संख्या में शिकायतें की गई थीं। कहा गया था कि अवशेषों की पहचान के लिए पुरातत्व जांच का अनुरोध किया गया था। इस याचिका के आधार पर महानगर अध्यक्ष की ओर से अधिकृत सीईओ को पत्र भी लिखा गया था, लेकिन जांच तब शुरू हुई, जब ईएंडएम में सौंदर्य उप महाप्रबंधक राजेश कुमार ने अपने मूल विभाग का कार्यभार संभाल लिया।
जानिए पूरा खेल
प्राधिकरण के ईएंडएम-3 में तुषार देशवाल की तैनाती की गई है, जिसके पास योग्यता नहीं है। वर्तमान ईएंडएम में परिसंपत्ति अजय देशवाल के भतीजे की है, विशेष अभिलेख शुल्क का कार्य योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। पहले आर्किटेक्चर की फाइलें वर्कशॉप प्रोजेक्टर-1 के माध्यम से पोस्ट की जाती थीं, लेकिन सीईओ के निर्देश के बाद इसे किसी अन्य कर्मचारी के स्थान पर प्रोजेक्ट किया गया। इसमें 50 लाख रुपये सुविधा शुल्क लिए जाने की बात सामने आई है।
ये हुए भर्ती
रूप सैनी से मोटा पैसा लेकर उसे इंटीग्रेटेड पेट्रोकेमिकल मशीनरी सिस्टम (ISTMS) में भर्ती किया गया है। उसके पास जो डिग्री है, वह कंप्यूटर साइंस की है। E&M-2 में युवा चौधरी को सात्विकता लेबल किया गया है। जो वर्तमान में जल खंड में स्थैतिक रिएक्टर मदन पाल चौधरी का बेटा है। ENDM-1 में प्रतीकात्मक रूप से राय प्रताप सिंह को दिखाया गया है, जो कई सिंह का आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त एमबीए है। पिछले दिनों सीईओ ने इस संबंध में बैठक की थी, जिसमें पहले प्रकरण की पूरी जांच कर इन चारों को हटाने का आदेश दिया गया था।