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दिल्ली का खौफनाक सच: नौकर बना जल्लाद, मां-बेटे को बेरहमी से उतारा मौत के घाट!

By Ten News One Desk

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दिल्ली का खौफनाक सच: नौकर बना जल्लाद, मां-बेटे को बेरहमी से उतारा मौत के घाट!



रिपोर्ट: नरेश शर्मा | टेन न्यूज़, दिल्ली


दिल्ली के दिल लाजपत नगर में एक ऐसा हत्याकांड सामने आया है, जिसने राजधानी की रूह को हिला दिया है।

जहां भरोसा था, वहीं से आई दगा की तलवार — एक मां और उसके मासूम बेटे को मौत की नींद सुला दिया… और कातिल कोई और नहीं, घर का नौकर निकला।

“मालकिन ने डांटा… इसलिए दोनों को खत्म कर दिया” — कातिल मुकेश की हैवानियत भरी कहानी!

बात महज़ एक डांट की थी… लेकिन उसका बदला इतना खौफनाक होगा, किसी ने सोचा भी नहीं था।
मुकेश, उम्र 24 साल, बिहार के हाजीपुर का रहने वाला और अमर कॉलोनी में रह रहा था।
घर के छोटे-मोटे काम करता था। दिखता सीधा-सादा… लेकिन दिल में पल रही थी नफरत और जहर।

कहानी की शुरुआत होती है 2 जुलाई की रात…

रात के 9:43 बजे, कुलदीप नाम के व्यक्ति ने PCR को कॉल किया —
“मेरी बीवी और बेटा कॉल का जवाब नहीं दे रहे… दरवाजा अंदर से बंद है… और सीढ़ियों पर खून के निशान हैं!”

पुलिस पहुंची, दरवाज़ा तोड़ा… और जो देखा, वो किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं था।
मां रुचिका सेवानी (42) और उनका बेटा (14) — दोनों के शव खून से लथपथ पड़े थे।

नौकर लापता, शक यकीन में बदला!

घटना के बाद से मुकेश फरार था, और पुलिस को उसी पर शक गहराया।
तकनीकी निगरानी और सटीक मुखबिरी से पुलिस ने उसे दबोच लिया — और फिर उगला उसने खून से लथपथ सच:

“मैंने मार दिया… डांट सुनकर बर्दाश्त नहीं हुआ…”

एक घरेलू नौकर, दो लाशें और कई सवाल!

क्या भरोसा अब भी जिंदा है?

क्या नौकरों की सही पहचान और मानसिक स्थिति की जांच नहीं होनी चाहिए?

और अगर छोटी बातों पर लोग कत्ल करने लगे, तो समाज कहां जा रहा है।

पुलिस का कहना है: “हत्या में धारदार हथियार का इस्तेमाल हुआ है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की जांच जारी है।”

दिल्ली का खौफनाक सच: नौकर बना जल्लाद, मां-बेटे को बेरहमी से उतारा मौत के घाट!

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रिपोर्ट: नरेश शर्मा | टेन न्यूज़, दिल्ली


दिल्ली के दिल लाजपत नगर में एक ऐसा हत्याकांड सामने आया है, जिसने राजधानी की रूह को हिला दिया है।

जहां भरोसा था, वहीं से आई दगा की तलवार — एक मां और उसके मासूम बेटे को मौत की नींद सुला दिया… और कातिल कोई और नहीं, घर का नौकर निकला।

“मालकिन ने डांटा… इसलिए दोनों को खत्म कर दिया” — कातिल मुकेश की हैवानियत भरी कहानी!

बात महज़ एक डांट की थी… लेकिन उसका बदला इतना खौफनाक होगा, किसी ने सोचा भी नहीं था।
मुकेश, उम्र 24 साल, बिहार के हाजीपुर का रहने वाला और अमर कॉलोनी में रह रहा था।
घर के छोटे-मोटे काम करता था। दिखता सीधा-सादा… लेकिन दिल में पल रही थी नफरत और जहर।

कहानी की शुरुआत होती है 2 जुलाई की रात…

रात के 9:43 बजे, कुलदीप नाम के व्यक्ति ने PCR को कॉल किया —
“मेरी बीवी और बेटा कॉल का जवाब नहीं दे रहे… दरवाजा अंदर से बंद है… और सीढ़ियों पर खून के निशान हैं!”

पुलिस पहुंची, दरवाज़ा तोड़ा… और जो देखा, वो किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं था।
मां रुचिका सेवानी (42) और उनका बेटा (14) — दोनों के शव खून से लथपथ पड़े थे।

नौकर लापता, शक यकीन में बदला!

घटना के बाद से मुकेश फरार था, और पुलिस को उसी पर शक गहराया।
तकनीकी निगरानी और सटीक मुखबिरी से पुलिस ने उसे दबोच लिया — और फिर उगला उसने खून से लथपथ सच:

“मैंने मार दिया… डांट सुनकर बर्दाश्त नहीं हुआ…”

एक घरेलू नौकर, दो लाशें और कई सवाल!

क्या भरोसा अब भी जिंदा है?

क्या नौकरों की सही पहचान और मानसिक स्थिति की जांच नहीं होनी चाहिए?

और अगर छोटी बातों पर लोग कत्ल करने लगे, तो समाज कहां जा रहा है।

पुलिस का कहना है: “हत्या में धारदार हथियार का इस्तेमाल हुआ है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की जांच जारी है।”

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