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जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने शासनादेश के क्रम में अवगत कराया है कि लोक शिकायत में आंशिक संशोधन किया गया

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जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने शासनादेश के क्रम में अवगत कराया है कि लोक शिकायत में आंशिक संशोधन किया गया



टेन न्यूज़ !! ०३ अप्रैल २०२५ !! डीपी सिंह डेस्क@शाहजहांपुर


जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने शासनादेश के क्रम में अवगत कराया है कि लोक शिकायत में आंशिक संशोधन किया गया है, संशोधित किए गए मानक निम्नलिखित है –

1. मासिक मूल्यान्कन के मानक संख्या-03 (फीडबैक की स्थिति) में अंकों की गणना हेतु उच्चाधिकारी द्वारा स्पेशल क्लोज किए गए असंतुष्ट फीडबैक को कुल असंतुष्ट फीडबैक में से घटाया नहीं जाएगा, बल्कि आवेदक द्वारा दिए गए संतुष्ट फीडबैक के प्रतिशत के अनुसार अंक प्रदान किए जाएंगे

2. मासिक मूल्यान्कन के मानक सम्बन्धित अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क किया गया अथवा नहीं, इसके आधार पर भी मासिक मूल्यान्कन के अंक हैं।

जिलाधिकारी द्वारा विभागाध्यक्षों, कार्यालयध्यक्षों को अनुपालन हेतु निर्देशित भी किया जा चुका है। गत माह मे आईजीआरएस पोर्टल पर संतोषजनक फीडबैक की प्रतिदिन समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि नवीन शासनादेश के अनुसार प्रत्येक अधिकारी के स्तर पर संदर्भ के निस्तारण उपरांत 90 प्रतिशत संतोषजनक फीडबैक होना चाहिए, जोकि अधिकांश अधिरियों के स्तर पर नहीं पाया गया, जिसके कारण जनपद की मूल्यांकन रिपोर्ट प्रभावित होगी।

जिलाधिकारी द्वारा विभागाध्यक्षों, कार्यालयध्यक्षों को पुनः निर्देशित किया है कि नवीन शासनादेश मे निहित व्यवस्था अनुसार निम्नांकित चरणों मे कार्यवाही अमल में लायी जाए-

1. बिन्दु संख्या – 01- प्रत्येक अधिकारी के स्तर पर संदर्भों का निस्तारण गुणवत्तापूर्वक किया जाए तथा संतोषजनक फीडबैक का प्रतिशत कम से कम 90ः होना चाहिए –

प्रथम चरण- संतोषजनक फीडबैक 90 प्रतिशत से कम पाये जाने पर प्रथम बार संबन्धित अधिकारी को चेतावनी देते हुए उच्च अधिकारी एवं मा० मुख्यमंत्री कार्यालय को संज्ञानित किया जाएगा।

द्वितीय चरण- पुनः संतोषजनक फीडबैक 90 प्रतिशत से कम पाये जाने पर संबन्धित अधिकारियों एवं जिन अधिकारियों को पूर्व मे चेतावनी जारी की गयी हो तथा उसके बाद भी उनकी कार्य पद्धति मे सुधार न पाये पर संबन्धित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान कर दी जाएगी।

तृतीय चरण- जिन अधिकारी को प्रतिकूल पृविष्टि प्रदान की गयी हो तथा इसके उपरांत भी पोर्टल पर फीडबैक 90 प्रतिशत से कम पाए जाने पर उनके विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की संस्तुति कर दी जाएगी।

2. बिन्दु संख्या-02- जांचकर्ता अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से अवश्य सम्पर्क किया गया जाये एवं उसका उल्लेख जांच आख्या मे अनिवार्य रूप से किया जाये।

मानक संख्या-03 एवं मानक संख्या 11 के अंतर्गत विशेष ध्यान दिया जाये की प्रत्येक शिकायत के निस्तारण मे शिकायतकर्ता संतुष्ट होना चाहिए इसे प्राथमिकता से लें, यदि मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट प्रभावित होती है तो संबन्धित अधिकारियों के विरुद्ध उपरोक्त अनुसार कार्यवाही अमल मे लायी जाएगी, जिसके लिए संबन्धित अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।

जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने शासनादेश के क्रम में अवगत कराया है कि लोक शिकायत में आंशिक संशोधन किया गया

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टेन न्यूज़ !! ०३ अप्रैल २०२५ !! डीपी सिंह डेस्क@शाहजहांपुर


जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने शासनादेश के क्रम में अवगत कराया है कि लोक शिकायत में आंशिक संशोधन किया गया है, संशोधित किए गए मानक निम्नलिखित है –

1. मासिक मूल्यान्कन के मानक संख्या-03 (फीडबैक की स्थिति) में अंकों की गणना हेतु उच्चाधिकारी द्वारा स्पेशल क्लोज किए गए असंतुष्ट फीडबैक को कुल असंतुष्ट फीडबैक में से घटाया नहीं जाएगा, बल्कि आवेदक द्वारा दिए गए संतुष्ट फीडबैक के प्रतिशत के अनुसार अंक प्रदान किए जाएंगे

2. मासिक मूल्यान्कन के मानक सम्बन्धित अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क किया गया अथवा नहीं, इसके आधार पर भी मासिक मूल्यान्कन के अंक हैं।

जिलाधिकारी द्वारा विभागाध्यक्षों, कार्यालयध्यक्षों को अनुपालन हेतु निर्देशित भी किया जा चुका है। गत माह मे आईजीआरएस पोर्टल पर संतोषजनक फीडबैक की प्रतिदिन समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि नवीन शासनादेश के अनुसार प्रत्येक अधिकारी के स्तर पर संदर्भ के निस्तारण उपरांत 90 प्रतिशत संतोषजनक फीडबैक होना चाहिए, जोकि अधिकांश अधिरियों के स्तर पर नहीं पाया गया, जिसके कारण जनपद की मूल्यांकन रिपोर्ट प्रभावित होगी।

जिलाधिकारी द्वारा विभागाध्यक्षों, कार्यालयध्यक्षों को पुनः निर्देशित किया है कि नवीन शासनादेश मे निहित व्यवस्था अनुसार निम्नांकित चरणों मे कार्यवाही अमल में लायी जाए-

1. बिन्दु संख्या – 01- प्रत्येक अधिकारी के स्तर पर संदर्भों का निस्तारण गुणवत्तापूर्वक किया जाए तथा संतोषजनक फीडबैक का प्रतिशत कम से कम 90ः होना चाहिए –

प्रथम चरण- संतोषजनक फीडबैक 90 प्रतिशत से कम पाये जाने पर प्रथम बार संबन्धित अधिकारी को चेतावनी देते हुए उच्च अधिकारी एवं मा० मुख्यमंत्री कार्यालय को संज्ञानित किया जाएगा।

द्वितीय चरण- पुनः संतोषजनक फीडबैक 90 प्रतिशत से कम पाये जाने पर संबन्धित अधिकारियों एवं जिन अधिकारियों को पूर्व मे चेतावनी जारी की गयी हो तथा उसके बाद भी उनकी कार्य पद्धति मे सुधार न पाये पर संबन्धित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान कर दी जाएगी।

तृतीय चरण- जिन अधिकारी को प्रतिकूल पृविष्टि प्रदान की गयी हो तथा इसके उपरांत भी पोर्टल पर फीडबैक 90 प्रतिशत से कम पाए जाने पर उनके विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की संस्तुति कर दी जाएगी।

2. बिन्दु संख्या-02- जांचकर्ता अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से अवश्य सम्पर्क किया गया जाये एवं उसका उल्लेख जांच आख्या मे अनिवार्य रूप से किया जाये।

मानक संख्या-03 एवं मानक संख्या 11 के अंतर्गत विशेष ध्यान दिया जाये की प्रत्येक शिकायत के निस्तारण मे शिकायतकर्ता संतुष्ट होना चाहिए इसे प्राथमिकता से लें, यदि मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट प्रभावित होती है तो संबन्धित अधिकारियों के विरुद्ध उपरोक्त अनुसार कार्यवाही अमल मे लायी जाएगी, जिसके लिए संबन्धित अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।

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