बीती रात बज्म ए अरबाबे सुखन की ओर से मोहल्ला हिन्दू पट्टी स्थित बरिष्ठ आई पी एस शिव मुरारी सहाय के आवास डयूढ़ी पर महफिल ए मुशायरा का आयोजन
टेन न्यूज़ !! १० सितम्बर २०२४ !! अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर
तिलहर। शाहजहाँ पुर | बीती रात बज्म ए अरबाबे सुखन की ओर से मोहल्ला हिन्दू पट्टी स्थित बरिष्ठ आई पी एस शिव मुरारी सहाय के आवास डयूढ़ी पर महफिल ए मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमें शाहजाहाँपुर से आये मेहमान शायरों ने भी शिरकत की शायरों ने अपनी गजलों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शकील तिलहरी ने तथा संचालन फहीम बिसमिल ने किया। चीफ गेष्ट जी एफ कॉलेज के प्रोफेसर मंसूर सिद्धिकी तथा सी ओ तिलहर प्रयांक जैन रहे
शकील तिलहरी ने सुनाया –
पल में तो ख़ाक से कुंदन नहीं बनता कोई
वक़्त दरकार है क़तरे को गुहर होने तक ll
प्रोफेसर मंसूर सिद्धिकी ने सुनाया
जाने क्यूँ हम ने जलाये हैँ उमीदों के चराग
उस सितमगर की तरफ से तो इशारा भी नही ll
असगर यासिर ने कहा –
ग़नीमत जानिए , ऐसी हवा में
परिंदा आशियां तक आ गया है ll
गुलिस्ताँ खान एडवोकेट ने सुनाया
हम उन इमारतों में सनद छोड़ आए हैं
जिनसे हमारे नाम की तख्ती चली गई
खलीक शौक ने सुनाया
मैं नज़र से पी रहा हूं ये सुरूरे बेखुदी है
कभी साक़ी लिख रहा हूं कभी जाम लिख रहा हूं ll
इशरत सग़ीर ने कहा
यहां तो द्रोपदी ने चीर ख़ुद कम कर दिये हैं
ये कलियुग है यक़ीनन कृष्ण का द्वापर नहीं है
हसीब चमन ने कहा –
उसको मुजरिम कभी दुनिया ने पुकारा भी नहीं
जिसने जीने न दिया जान से मारा भी नहीं ll
फहीम बिसमिल ने सुनाया
ज़हरीले तीर निकले हैँ किस की कमान से
क्या खुश नही है कोई हमारी ऊड़ान से
मुनीव अहमद शाहजहाँपुरी ने सुनाया –
दोस्ती करते हैं लोग मतलब से अब ।
दोस्त ज़्यादा बढ़ाने से क्या फायदा ।।
कासिम अख्तर वारसी ने कहा –
नया माहौल कैसा हो रहा है
नहीं किरदार से कुछ वास्ता है ll
रईस तिलहरी ने कहा –
मेरे बाद भी तुम न मायूस होना
बराबर किताबों मे मिलता रहूँगा
फरीद तिलहरी ने सुनाया
मेरी नज़र की बस एक चाहत तुम्हारा चेहरा
कोई भी सूरत नई पुरानी नहीं चलेगी
साजिद सफदर ने कहा –
इज़्ज़त उसे अज़ीज़ थी रोटी से पेशतर
मैंने कहा ले रिज़्क़ तो उसने कहा लिबास ll
वहीद तिलहरी ने सुनाया –
जब दिल मे दिया प्यार का जल जायेगा यारो
दिल मोम की मानिन्द पिघल जायेगा यारो ||
रेहान ताबिश ने कहा –
आगे आगे जनाबे आला हैँ
पीछे पीछे जनाब की खुशबू
फैजान तिलहरी ने सुनाया
उसे जब से मोहब्बत हो गई है ,
बला की खूबसूरत हो गई है ll
इन के अलावा रहमत तिलहरी ने भी अपना कलाम पेश किया
शिव मुरारी सहाय साहब ने कहा ऐसी महफिलें हमारी तहजीब और हमारी संस्कर्ति को ज़िन्दा रखने मे अहम किरदार अदा करती हैँ समाज के हर तबके को इन मेहफिलों मे शिरकत करनी चाहिए ये हमारी विरासत हैँ
मुशायरे में बरिष्ठ आई पी एस शिव मुरारी सहाय सौरभ सहाय वसीर उददिन अमिर मियाँ महबूब इदरीसी मसूद हुसेन लाडले मियाँ विजेन्द्र प्रजापती आकाश अंकित समद यार खाँ सरफराज़ मंसूरी बाबू अली जैनुल फैसल डाo अनीस हुसेन गुडड़ू हाजी मुन्ने मियाँ इरशाद पप्पू यूनुस कुरेशी अरमान अली आदि मौजूद रहे। अंत में संयोजक बसीर उददिन आमिर मियाँ ने सभी का शुक्रिया अदा किया।