डीएम की अध्यक्षता में शिक्षुता प्रोत्साहन योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न, युवाओं को अधिक से अधिक प्रशिक्षण के अवसर देने पर बल
टेन न्यूज़ !! १५ अप्रैल २०२५ !! डीपी सिंह डेस्क@ शाहजहांपुर
जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग, उ०प्र० राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (नैप्स) / मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना तथा पी०एम० इंटर्नशिप योजना के क्रियान्वय के संबंध में समीक्षा समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने निजी उद्योग/अधिष्ठान तथा एम०एस०एम०ई०, जो शिक्षुता प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की श्रेणी में आच्छादित हैं उनका शिक्षुता प्रशिक्षण के क्रियान्वयन से सम्बन्धित राष्ट्रीय पोर्टल पर पंजीकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्त, जिला उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन केन्द्र द्वारा पंजीकृत अधिष्ठानों में शिशिक्षु रिक्तियों का अगणित कराते हुए उन्हें पोर्टल पर प्रदर्शित करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने जनपद के ऐसें अप्रेन्टिस हेतु पंजीकृत अधिष्ठान जहाँ अप्रेन्टिस प्रशिक्षण प्रारम्भ नही हुआ है, उन सम्बन्धित अधिष्ठानों में अप्रेन्टिस प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों एवं कौशल विकास मिशन से प्रमाणित अधिकाधिक अभ्यर्थियों को शिक्षुता प्रशिक्षण पोर्टल पर पंजीकृत किया जाए।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3000 का लक्ष्य निर्धारित था जिसके सापेक्ष 470 अभ्यार्थियों को ही शिशिक्षु प्रशिक्षण हेतु नियोजित कराया जा सका है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 600 का लक्ष्य आवंटित किया गया हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि लक्ष्य के सापेक्ष पूर्ति हेतु अधिक से अधिक अधिष्ठानों में अधिक से अधिक अभ्यर्थियों को शिशिक्षु प्रशिक्षण हेतु नियोजित कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने पी०एम० इंटर्नशिप योजना हेतु उपलब्ध सीटो के सापेक्ष तीन गुणा व उससे अधिक अभ्यर्थियों का पंजीकरण कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य के अनुसार शत प्रतिशत तथा प्राप्त लक्ष्य से अधिक नियुक्तियां की जाए।
प्रधानाचार्य ने बताया कि युवक-युवतियों के लिए पोर्टल पर निःशुल्क पंजीकरण तथा अप्रेन्टिसशिप प्रशिक्षण की व्यवस्था है। अभ्यर्थियों के लिए प्रशिक्षण के दौरान न्यूनतम 7000/- प्रतिमाह मानदेय की सहायता मिलती है। अभ्यर्थियों को उद्योगों के प्रयोगात्मक ज्ञान का कुशल हुनर मिलता है।
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना एवं मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना का लाभ मिलेगा। अधिष्ठानों द्वारा पोर्टल पर अप्रेन्टिसशिप प्रशिक्षण हेतु अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है। अधिष्ठानों द्वारा दिए गये मानदेय प्रतिपूर्ति हेतु डी०बी०टी के माध्यम से व्यवस्था है। सम्बन्धित उद्योग/अधिष्ठान में अप्रेन्टिसशिप के पश्चात रोजगार की बेहतर संभावनाये है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 अपराजिता सिंह, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य नगेंद्र सिंह, औद्योगिक संस्थान के पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।