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विद्यालयों की स्थिति में सुधार हेतु जिले के चयनित 19 शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट सभागार में अपने-अपने विचार विस्तृत रूप से प्रस्तुत किये

Bytennewsone.com

Nov 22, 2024
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विद्यालयों की स्थिति में सुधार हेतु जिले के चयनित 19 शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट सभागार में अपने-अपने विचार विस्तृत रूप से प्रस्तुत किये



टेन न्यूज़ !! २२ नवम्बर २०२४ !! डीपी सिंह डेस्क@शाहजहांपुर


जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे प्रधानाध्यापकों , शिक्षकों , शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों से विद्यालयों की स्थिति में सुधार हेतु सुझाव मांगे थे। कार्यालय से जारी गूगल फॉर्म में जनपद के 200 से अधिक शिक्षकों ने अपने सुझाव प्रेषित किए थे जिनमें से 19 शिक्षकों के सुझाव पसंद आए आज उन सभी लोगों ने कलेक्ट्रेट सभागार में अपने-अपने विचार विस्तृत रूप से प्रस्तुत किये।

शिक्षकों ने विद्यालयों की स्थिति में सुधार, बच्चों की उपस्थिति, सामाजिक जुड़ाव, लर्निंग के नये कॉन्सेप्ट, बच्चों का पढ़ाई में मन कैसे लगे, विद्यालयों के साफ सफाई, रंगाई पुताई, ग्रीनरी आदि पर नवाचार हेतु आपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। साथ ही सभी शिक्षकों ने पीपीटी के माध्यम से अपनी अपनी अवधारणा को प्रदर्शित किया। जिलाधिकारी ने शिक्षकों के सुझाव एक-एक कर सुने। उन्होने बैठक में सभी के विचार सुन कर धन्यवाद देते हुए कहा कि विद्यालयों में पढ़ाई का वातावरण बनाना अति आवश्यक है। जिन शिक्षकों ने बच्चों की उपस्थिति, सामाजिक जुड़ाव, लर्निंग के नये कॉन्सेप्ट, बच्चों का पढ़ाई हेतु नये नये आईडिया प्रस्तुत किये है, उन्हे अमल में लाया जाएगा।

शिक्षक सुमित कुमार ने फुल यूनिफॉर्म में आने वाले बच्चों का सम्मान करने, विवेक कुशवाहा ने शिक्षण में ऑडियो विजुअल तकनीक का प्रयोग करने, प्रेम पाल गंगवार ने विद्यालय की गतिविधियों ने समस्त शिक्षकों को शामिल करने, कुंवर पाल सिंह के द्वारा म्यूजिकल रूम सिस्टम, बोलती दीवारें, सुमन सिंह के द्वारा रिबन आइडिया, सुरेंद्र सिंह के द्वारा योगासन के प्रयोग से बच्चों को बलिष्ठ बनाना, पल्लवी गुप्ता के द्वारा एकल विद्यालय होते हुए भी नामांकन में वृद्धि के तरीके,

विनायक मिश्रा के द्वारा मासिक कार्य योजना , रंजना यादव के द्वारा सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक, सरताज अली के द्वारा बच्चों के जन्म दिवस पर उनके घर पर एक पौधा रोपित करना, अभिषेक दीक्षित के द्वारा अभिभावकों की विद्यालय तक पहुंच आसान बनाने , माला सिंह के द्वारा समेकित शिक्षा, साउंड बाल, लैंग्वेज लैबोरेट्री, राज्य संदर्भ दाता समूह के सदस्य डॉक्टर अरुण कुमार गुप्ता, अश्वनी कुमार अवस्थी तथा ममता शुक्ला ने विद्यालयों में दैनिक उपस्थिति बढ़ाने के तरीकों, काफी विद ऑफिसर्स, पेट योर केंपस तथा सप्ताह के एक दिन स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी गतिविधियों के संचालन के सुझाव जिला अधिकारी महोदय के समक्ष प्रस्तुत किए।

शिक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी अपराजिता सिंह सिनसिनबार ने कहा कि हमें तीन स्तरों पर काम करना है। सर्वप्रथम विद्यालयों का मूलभूत आधार ढांचा बेहतर करना तथा समान सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाना। समुदाय के साथ अच्छे संबंध से शिक्षकों की समस्याएं कम होती हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के द्वारा जो भी पाठ्यक्रम आधारित विचार प्रस्तुत किए गए, हैं उनके लिए शीघ्र ही एक रूपरेखा बनाई जाएगी। जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि बैठक में 200 से अधिक शिक्षकों का सुझाव प्रेषित करना इस बात का सबूत है कि हम सभी कुछ ना कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे उन स्कूलों का ट्रांसफॉर्मेशन किया गया। जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि संपूर्ण विचार विमर्श के उपरांत के प्रतीत हुआ है कि विद्यालयी प्रार्थना सभा बहुत ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन चाहेगा कि विद्यालय के प्रबंधन में केवल ग्राम प्रधान और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की ही नहीं बल्कि गांव के हर एक व्यक्ति की सहभागिता हो । उन्होंने शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप सभी के विचारों को एक सप्ताह के अंदर लागू करने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि लैंग्वेज लैबोरेट्री आदि के लिये शिक्षकों की एक टीम को अवलोकन करने हेतु बाहर भी भेजा जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 अपराजिता सिंह एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिव्या गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक हरिवंश कुमार तथा शिक्षकगण सुमित कुमार, विवेक कुशवाहा, आकाश पण्डेय, प्रेम पाल गंगवार, पल्लवी, कुवर पाल सिंह, अनुराधा गौतम, सुमन सिंह, सुरेन्द्र सिंह, मान सिंह, पल्लवी गुप्ता, विनायक मिश्रा, रंजना यादव, सरताज अली, अभिषेक दीक्षित, पूजा गंगवार, रेखा मिश्रा, माला सिंह, डॉ० अरूण कुमार गुप्ता आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किये।

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