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पौराणिक मंदिर पर अवैध कब्जा, प्रशासन मौन, धार्मिक पर्वों पर भी नहीं खुलता ताला, ग्रामीणों में आक्रोश

By Ten News One Desk

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पौराणिक मंदिर पर अवैध कब्जा, प्रशासन मौन, धार्मिक पर्वों पर भी नहीं खुलता ताला, ग्रामीणों में आक्रोश



टेन न्यूज़ !! १७ जुलाई २०२५ !! ब्यूरो रिपोर्ट – रामजी पोरवाल, औरेया

जनपद औरेया के अजीतमल तहसील क्षेत्र के ग्राम लाल का पुरवा स्थित पौराणिक ठाकुर जी मंदिर पर अवैध कब्जे को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। आलम यह है कि धार्मिक पर्वों पर भी मंदिर में ताला लगा रहता है, जिससे महिलाओं और बच्चों सहित श्रद्धालुओं को पूजा-पाठ करने में भारी परेशानी होती है।

ग्रामीणों के अनुसार यह मंदिर वर्षों पूर्व गांव के ही दुनिया सिंह भदोरिया द्वारा बनवाया गया था। उन्होंने अपनी निजी लगभग दो एकड़ जमीन (रकवा संख्या 167) मंदिर के लिए दान दी थी। मंदिर की देखरेख के लिए पहले सुघर सिंह राजावत (रसूलपुर), बुद्ध सिंह चौहान (लाल का पुरवा), मोहर सिंह सेंगर (रुरूआ) और राधारमण दुबे (बारीपुरा-खगीपुर) को जिम्मेदारी दी गई थी। इनके निधन के बाद साल 2007 में संतोष उर्फ श्रीकृष्ण राजावत (रसूलपुर) को मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई।

ग्रामीणों का आरोप है कि वर्तमान पुजारी ने मंदिर और जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। मंदिर में 24 घंटे ताला लगा रहता है। न तो पूजा होती है, न सफाई। मंदिर धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

गांव के उदय प्रताप सिंह, अरुण कुमार सिंह, कपिल कुमार, सहित दर्जनों ग्रामीणों ने अजीतमल तहसील प्रशासन से लेकर जिलाधिकारी तक शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन अवैध कब्जा हटवाए और मंदिर को पुनः धार्मिक गतिविधियों के लिए खोलने की व्यवस्था कराए।

पौराणिक मंदिर पर अवैध कब्जा, प्रशासन मौन, धार्मिक पर्वों पर भी नहीं खुलता ताला, ग्रामीणों में आक्रोश

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टेन न्यूज़ !! १७ जुलाई २०२५ !! ब्यूरो रिपोर्ट – रामजी पोरवाल, औरेया

जनपद औरेया के अजीतमल तहसील क्षेत्र के ग्राम लाल का पुरवा स्थित पौराणिक ठाकुर जी मंदिर पर अवैध कब्जे को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। आलम यह है कि धार्मिक पर्वों पर भी मंदिर में ताला लगा रहता है, जिससे महिलाओं और बच्चों सहित श्रद्धालुओं को पूजा-पाठ करने में भारी परेशानी होती है।

ग्रामीणों के अनुसार यह मंदिर वर्षों पूर्व गांव के ही दुनिया सिंह भदोरिया द्वारा बनवाया गया था। उन्होंने अपनी निजी लगभग दो एकड़ जमीन (रकवा संख्या 167) मंदिर के लिए दान दी थी। मंदिर की देखरेख के लिए पहले सुघर सिंह राजावत (रसूलपुर), बुद्ध सिंह चौहान (लाल का पुरवा), मोहर सिंह सेंगर (रुरूआ) और राधारमण दुबे (बारीपुरा-खगीपुर) को जिम्मेदारी दी गई थी। इनके निधन के बाद साल 2007 में संतोष उर्फ श्रीकृष्ण राजावत (रसूलपुर) को मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई।

ग्रामीणों का आरोप है कि वर्तमान पुजारी ने मंदिर और जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। मंदिर में 24 घंटे ताला लगा रहता है। न तो पूजा होती है, न सफाई। मंदिर धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

गांव के उदय प्रताप सिंह, अरुण कुमार सिंह, कपिल कुमार, सहित दर्जनों ग्रामीणों ने अजीतमल तहसील प्रशासन से लेकर जिलाधिकारी तक शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन अवैध कब्जा हटवाए और मंदिर को पुनः धार्मिक गतिविधियों के लिए खोलने की व्यवस्था कराए।

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