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यज्ञ करने वाला किसी भी क्षेत्र में पराजित नहीं होता और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं: दासीराम
टेन न्यूज़ !! २७ मई २०२४ !! अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर
तिलहर। आर्य समाज में रविवार को वैदिक गोष्ठी हुई। दासीराम ने कहा कि वेदों में यज्ञ को सर्वश्रेष्ठ कर्म कहा गया है।
यज्ञ करने वाला किसी भी क्षेत्र में पराजित नहीं होता और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बोले कि वेद आदि सृष्टि के मूल ग्रंथ हैं। वैदिक युवा पुरोहित कृष्ण मुरारी आर्य ने स्वामी दयानंद द्वारा राँचत ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका और सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर सुनाए।
अंकित मौर्य ने ईश्वर भक्ति का भजन सुनाया। इस मौके पर पं. गिरीश चंद शर्मा, लोकेश कुमार, विष्णु मौर्य सहित आदि मौजूद रहे।