29 सूत्रीय ज्ञापन की “मांगों पर नहीं हुई कार्यवाही तो होगा बड़ा आंदोलन: कमलेश यादव
टेन न्यूज़ !! २५ अक्तूबर २०२४ !! प्रभाष चन्द्र ब्यूरो, कन्नौज
सरकार की कार्यशैली पर जमकर बरसे- सत्येंद्र मौर्य, कहा- किसानों, मजदूरो और गांव के विकास के सरकारी दावे खोखले, सबका साथ, सबका विकास, का वादा भी झूठा निकला।
भारतीय किसान यूनियन श्रमिक जनशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश यादव के आवाहन पर देश के विभिन्न प्रांतो से तथा उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों के हजारों की संख्या में किसान, मजदूर और वंचित समाज के लोग किसान महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए परिवर्तन चौक हजरतगंज लखनऊ में पहुंचे। हजारों की तादाद में आए हुए किसानों, मजदूरों, आमजनों की तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए किसान यूनियन के नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे।
भारतीय किसान यूनियन श्रमिक जनशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश यादव ने कहा कि देश के अंदर किसानों, मजदूरों और वंचित समाज के लोगों के हितों की अनदेखी हो रही है देश का मध्यम वर्गीय समाज, पिछड़ा, दलित, किसान और मजदूर तबके के विकास लिए सरकारी प्रयास नाकाफी है, लोग बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा जैसी तमाम मूलभूत सुविधाओं के न मिलने से परेशान है। देश के पूंजीपति और उद्योगपति मालामाल होते जा रहे हैं। बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ हो रहे हैं, सरकार किसानों के क्रेडिट कार्ड का कर्ज माफ करने में अपने हाथ खड़े कर रही है।
शासन प्रशासन के सक्षम अधिकारी उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से परिवर्तन चौक हजरतगंज में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। किसान महापंचायत के बाद माननीय प्रधानमंत्री को संबोधित 29 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सक्षम अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को भेजा जा रहा है, अगर समस्याओं का निस्तारण नहीं होता है, ऐसी दशा में किसान बड़े आंदोलन के लिए विवश होंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
भारतीय किसान यूनियन श्रमिक जनशक्ति के राष्ट्रीय महासचिव रणधीर सिंह संधू ने कहा कि गन्ना किसानो की हालत खराब है, उन्हें गन्ने का मूल्य ₹600/ कुंतल दिया जाना चाहिए, उनकी पराली की समस्या है, गन्ने की उतराई गैर कानूनी तरीके से ली जा रही है गन्ने का समय से भुगतान नहीं हो रहा है। सरकार द्वारा तीन काले कानून वापस लेने का वायदा किया गया था उस पर समुचित कार्यवाही नहीं हो पाई है, सिर्फ कोरे आश्वासन मिले हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्येंद्र कुमार मौर्य ने कहा केंद्र और राज्य सरकार का ध्यान गांव के सर्वांगीण विकास तथा किसानों मजदूरों और वंचित समाज के लोगों के जीवन उत्थान के लिए अपर्याप्त है।
शिक्षा, चिकित्सा, बेरोजगारी और युवाओं को सही दिशा देने की ओर जाना चाहिए, देश के नौनिहालो और युवाओं का भविष्य अंधकारमय है। गांव में तैनात किसान मित्रों को हटा दिया गया है उन्हें वापस सेवा में लिया जाना चाहिए। शिक्षामित्र, आंगनवाड़ी, आशा बहू, रसोईया,रोजगार सेवक तथा सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाना चाहिए या फिर उनके मानदेय में काम से कम 4 गुना वृद्धि की जानी चाहिए। पूरे देश के अंदर सांप्रदायिकता का माहौल फल फूल रहा है, लोग अपने घरों पर अलग-अलग रंग के झंडा लगा रहे हैं, इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए उनकी जगह राष्ट्र ध्वज तिरंगा लगवाया जा सकता है, इससे देश की नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना को बल मिलेगा।
रासायनिक और जैविक उर्वरकों के दाम आसमान छू रहे हैं, उनकी गुणवत्ता खराब/नकली है। पेस्टिसाइड बहुत महंगे दामों पर बिक रहा है, इन सभी की जांच होनी चाहिए। आवारा अन्ना पशु फसलों को चर रहे हैं, उसर, बंजर, बेकार पड़ी जमीनों की बाउंड्री करवा कर इन पशुओं को वहां रखने की व्यवस्था की जानी चाहिए। किसान क्रेडिट कार्ड के कर्ज माफ होने चाहिए, गांव के गरीबों के घरों की बिजली फ्री की जानी चाहिए, फ्री सिंचाई की व्यवस्था होनी चाहिए, प्रतिवर्ष हजारों किसान आत्महत्या कर रहे हैं, सरकार के द्वारा उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने की व्यवस्था दी जानी चाहिए।
कृषि उत्पादन का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है, कृषि उत्पादन के विक्रय में C2 प्लस 50% की व्यवस्था को भी तत्काल लागू किया जाना चाहिए। देश के गांव और गरीबों की ऐसी स्थिति है अगर सरकार के द्वारा उन्हें सस्ता राशन उपलब्ध न कराया जाए तो लाखों लोग भूख से दम तोड़ देंगे। लोगों के पास रोजी-रोटी और रोजगार का कोई बंदोबस्त नहीं है। आज भी लोग अपने घर नहीं बनवा पा रहे अपने लिए शौचालय नहीं बनवा पा रहे, यह देश की व्यवस्था पर करारा तमाचा है।
सरकारी विद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं की शिक्षा और उसका सिलेबस ऐसा है कि उसको पढ़ने के बाद युवा अपने लिए रोटी नहीं जुटा सकता। शिक्षा रोजगारपरक होनी चाहिए शिक्षा में छात्र की रुचि के अनुसार तकनीकी ज्ञान की अनिवार्यता लागू की जानी चाहिए। दोहरी शिक्षा व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए, यदि ऐसा संभव न हो तो प्राइवेट स्कूलों और संस्थाओं की फीस पर नियंत्रण लगाया जाना चाहिए, यदि संभव हो सके, देश के अंदर शिक्षा फ्री होनी चाहिए।
1000 की आबादी पर एक एम0बी0बी0एस0 डॉक्टर की तैनाती होनी चाहिए और 5000 की आबादी पर एक सरकारी अस्पताल होना चाहिए, सरकार के द्वारा जो अस्पताल खोले गए हैं वहां पर 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहते ऐसे अस्पतालों की जांच की जानी चाहिए। यदि संभव हो सके तो दारू की ठेकों को भी बंद किया जाए। कार्यक्रम को अनिल शुक्ला, गुरुपाल सिंह सिद्धू,नबी अहमद, खालिद खान, आदि ने संबोधित किया।