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भारत ने यूएस एच-1बी वीज़ा नियमों पर जताई पहली प्रतिक्रिया

By Ten News One Desk

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भारत ने यूएस एच-1बी वीज़ा नियमों पर जताई पहली प्रतिक्रिया



टेन न्यूज़ !! २१ सितम्बर २०२५ !! डेस्क न्यूज़@नई दिल्ली।


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीज़ा के नियमों में सख्ती लागू करने के बाद भारत सरकार की पहली प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सरकार को इस फैसले से संबंधित रिपोर्ट्स की जानकारी है और इसके पूर्ण प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है।

जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों की नवाचार और रचनात्मकता में रुचि है, और भविष्य में इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच परामर्श की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि एच-1बी वीज़ा नियमों में बदलाव के कारण परिवारों पर मानवीय प्रभाव पड़ने की संभावना है और सरकार आशा करती है कि अमेरिकी अधिकारी इन व्यवधानों का उचित समाधान करेंगे।

यूएस प्रशासन के फैसले के अनुसार अब एच-1बी वीज़ा के प्रत्येक आवेदन के लिए सालाना 1,00,000 डॉलर शुल्क देना होगा। ट्रंप ने इस कदम का उद्देश्य यह बताया कि अमेरिकी नौकरियां अमेरिकी नागरिकों को मिलें और विदेशी कामगारों की जगह अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता दी जाए।

भारत सरकार ने इस मामले पर सतर्कता बरतते हुए, उद्योग और संबंधित पक्षों के साथ मिलकर प्रभावों का मूल्यांकन शुरू कर दिया है।

भारत ने यूएस एच-1बी वीज़ा नियमों पर जताई पहली प्रतिक्रिया

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टेन न्यूज़ !! २१ सितम्बर २०२५ !! डेस्क न्यूज़@नई दिल्ली।


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीज़ा के नियमों में सख्ती लागू करने के बाद भारत सरकार की पहली प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सरकार को इस फैसले से संबंधित रिपोर्ट्स की जानकारी है और इसके पूर्ण प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है।

जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों की नवाचार और रचनात्मकता में रुचि है, और भविष्य में इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच परामर्श की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि एच-1बी वीज़ा नियमों में बदलाव के कारण परिवारों पर मानवीय प्रभाव पड़ने की संभावना है और सरकार आशा करती है कि अमेरिकी अधिकारी इन व्यवधानों का उचित समाधान करेंगे।

यूएस प्रशासन के फैसले के अनुसार अब एच-1बी वीज़ा के प्रत्येक आवेदन के लिए सालाना 1,00,000 डॉलर शुल्क देना होगा। ट्रंप ने इस कदम का उद्देश्य यह बताया कि अमेरिकी नौकरियां अमेरिकी नागरिकों को मिलें और विदेशी कामगारों की जगह अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता दी जाए।

भारत सरकार ने इस मामले पर सतर्कता बरतते हुए, उद्योग और संबंधित पक्षों के साथ मिलकर प्रभावों का मूल्यांकन शुरू कर दिया है।

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