तहज़ीब ए तिलहर के बैनर तले सिल्वर जुबली कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन
टेन न्यूज़ !! १७ मार्च २०२५ !! अमुक सक्सेना, तिलहर/शाहजहांपुर
तिलहर बीती रात वरिष्ठ आई पी एस शिव मुरारी सहाय के निवास मोहल्ला हिन्दू पट्टी स्थित डयूढी में तहज़ीब ए तिलहर के नाम से होली मिलन के मौके पर सालाना 25वाँ कुल हिंद कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया जिसमें जिसमें दूर दराज़ से आए कवियों एवं शायरों से समां बांध दिया मुशायरे की अध्यक्षता ग़ाज़ियाबाद से आए वरिष्ठ कवि गोविंद गुलशन ने की और संचालन मशहूर संचालक नदीम फर्रुख ने किया मुशायरा देर रात तक चलता रहा –
गाज़ियाबाद से आए वरिष्ठ शायर गोविंद गुलशन ने कहा-
मुन्तजिर आँखें हैं मेरी शाम से
शमा रोशन है तुम्हारे नाम से ll
मेरठ से आए शायर इकबाल अज़हर ने सुनाया –
है साक्षी काशी का हर एक घाट अभी तक
होता था भजन आप का शहनाई हमारी ll
अहमदनगर महाराष्ट्र से आई शायरा क़मर सुरूर ने गुनगुनाया –
आ बताऊं के क्या मोहब्बत है
नुस्खाए कीमिया मोहब्बत है
तुम सुनो या के अन सुना कर दो
मेरे दिल की सदा मोहब्बत है ll
नदीम फर्रुख ने सुनाया –
मुझको इंसान ही रहने दे फरिश्ता न बना
इतनी तारीफ भी मत कर कि मैं पत्थर हो जाऊं ll
भोपाल से आई कवित्री अनु सपन ने गुनगुनाया –
जिंदा रहना है तो जिंदगी से लड़ो
आसमां से नहीं रोटियों आएंगी ll
देवबंद से नदीम शाद ने कहा –
लड़ें हैं आप अभी सामने के दुश्मन से
जो आस्तीन में हैं उन से कब लड़ें हैं आप ll
दिल्ली से आए शायर दीक्षित दनकौरी ने सुनाया –
इतनी नफरत यार कहां से लाते हो
लफ्जों में अंगार कहां से लाते हो ll
आगरा से आए शायर अनवर अमान ने गुनगुनाया –
खुदा ने बख्शी है तुमको वो हुस्न की तनवीर
अंधेरी रात में निकलो तो रोशनी हो जाए ll
सम्भल के शायर अमीर इमाम ने कहा –
इस तरह रंजो ग़म को सताता हुआ मिला
हंसता हुआ मिला वो हंसाता हुआ मिला ll
मेरठ से आई शायरा दानिश ग़ज़ल ने गुनगुनाया –
मुझे मारना है एक ज़ालिम के हाथों
कहानी में यही किरदार हूं मैं ll
पुणे महाराष्ट्र के शायर विनीत शंकर ने सुनाया –
ज़िन्दगी के दरिया में बे झिझक उतर जाओ
डूबने का डर तुमको तैरना सिखा देगा ll
आगरा से आए कवि भरत दीप माथुर ने कहा
बिखरा दे लाखों गुल बारे दरिया में
नेकी कर और डाल दे प्यारे दरिया में ll
शकील तिलहरी ने सुनाया
वो जो सहरा की कड़ी धूप में पलते होंगे
ऐसे बच्चे बड़े मजबूत निकलते होंगे ll
शमशाद आतिफ ने कहा-
मेरे भूखे बच्चे तड़प रहे मेरा रोटियों का सवाल है
ये तू कौन सी पोथी पढ़ा रहा ये हराम है वो हलाल है ll
मुशायरे में शिव मुरारी सहाय गौरव सहाय सौरव सहाय अनंत सहाय धनंजय सहाय विरेंद्र यादव अजय प्रताप यादव अरुण यादव सगीर खान डभौरा भोले खान प्रदीप गुप्ता बसीरुद्दीन आमिर मियां इकबाल हुसैन फूल मियाँ मुख्तार तिलहरी अरविंद रस्तोगी श्याम रस्तोगी रामौतार गुप्ता मास्टर शाहिद अली हरि शंकर सैनी उस्मान आबिद शिफा तिलहरी वाजिद तिलहरी इब्ने हसन जर्रार तिलहरी रईस तिलहरी सय्यद मतलूब अली
मसूद हुसैन लाडले मियाँ मोहम्मद आतिर जैनुल अकरम तिलहरी आदि मौजूद रहे