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कन्नौज जनपद में पर्याप्त मात्रा में है उर्वरकों की उपलब्धता: जिला कृषि अधिकारी

Bytennewsone.com

Oct 22, 2024
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कन्नौज जनपद में पर्याप्त मात्रा में है उर्वरकों की उपलब्धता: जिला कृषि अधिकारी



टेन न्यूज़ !! २२ अक्तूबर २०२४ !! प्रभाष चन्द्र ब्यूरो, कन्नौज


जिला कृषि अधिकारी श्री आवेश कुमार सिंह ने सहकारी समिति सौरिख का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए l उन्होंने कहा जिलाधिकारी के निर्देशानुसार उर्वरक वितरण पर पैनी नजर रखी जा रही है l कहा कि वर्तमान समय में जनपद में लगभग 40-41 प्रतिशत क्षेत्रफल में आलू की गडाई हो चुकी है।

कृषक भाईयों से अनुरोध है कि उर्वरकों का संतुलित मात्रा में ही उपयोग करें, जिससे आलू की फसल को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो सके तथा उर्वरकों के असंतुलित मात्रा में प्रयोग से होने वाले मृदा, वायु एवं जल प्रदूषण के साथ लागत को भी कम किया जा सके।आज दिनांक 21.10.2024 को जनपद के खुदरा बिक्रेताओ के पास 1558 मी0टन डी0ए0पी0, 5146 मी0टन एन0पी0के0, 4775 मी0टन एस0एस0पी0 12414 मी0टन यूरिया और 2242 मी0टन एम0ओ0पी0 की उपलब्धता है।

जनपद में लगभग 257 निजी एवं सहकारी उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर डी0ए0पी0 एवं 615 केन्द्रों पर एन0पी0के0, एस0एस0पी0 एवं एम0ओ0पी0 उपलब्ध है। किसान भाई अपने नजदीकी साधन सहकारी समिति एवं निजी उर्वरक बिक्री केन्द्र से आवश्यकतानुसार उर्वरकों का क्रय कर सकते है। जनपद में 1 अक्टूबर से अब तक 4433.77 मी0टन डी0ए0पी0, 11285.67 मी0टन एन0पी0के0 3577.35 मी0टन एस0एस0पी0 का वितरण हुआ है, तथा दिनांक 20.10.2024 को 247.20 मी0टन डी0ए0पी0 एवं 518.36 मी0टन एन0पी0के0 का वितरण कृषकों को किया गया।

कृषक भाइयों को सलाह दी जाती है कि आलू की फसल में डी0ए0पी0 के स्थान पर एन0पी0के0, एन0पी0एस0 एवं एस0एस0पी0 (सुपर) का प्रयोग करना चाहिए। एन0पी0के0 में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश तीनों पोषक तत्व पाये जाते है तथा एन0पी0एस0 में 13 प्रतिशत सल्फर की मात्रा भी पायी जाती है, जिससे आलू में चमक एवं बजन के साथ-साथ गुणवत्ता भी बढती है।

कृषक भाइयों से पुन: अपील है कि फसलों में उर्वरक का प्रयोग संतुलित मात्रा में करें और अपनी जोत और फसल की आवश्यकतानुसार ही उर्वरक का क्रय करें। यदि किसी भी किसान भाई को कोई भी समस्या हो तो जिला कृषि अधिकारी, कन्नौज के कार्यालय में स्थापित कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नं0 8272893015 एवं 933567380 पर या लिखित रूप में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।

उन्होंने जनपद के समस्त सहकारी एवं निजी क्षेत्र के उर्वरक बिक्रेताओं को निर्देशित किया है, कि कृषकों को उनकी जोत एवं फसल की संस्तुति के आधार पर ही उर्वरक का वितरण करे। यदि उर्वरक का भण्डारण एवं वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पायी जायेगी, तो सम्बन्धित के विरूद्ध उर्वरक (कार्वनिक, अकार्वनिक या मिश्रित)(नियंत्रण), आदेश 1985 व उर्वरक (संचलन), आदेश-1973 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के तहत कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

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