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निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ कलेक्ट्रेट मे महत्वपूर्ण बैठक, आरटीई से प्रवेश लेने हेतु आए बच्चों के लिये संचालक/प्रधानाध्यापक नही लेगें निर्णय

By tennewsone.com

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निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ कलेक्ट्रेट मे महत्वपूर्ण बैठक, आरटीई से प्रवेश लेने हेतु आए बच्चों के लिये संचालक/प्रधानाध्यापक नही लेगें निर्णय



आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कम कीमत तथा निःशुल्क पुस्तके उपलब्ध कराने का करें विचार:डीएम


टेन न्यूज़ !! २४ मार्च २०२५ !! डीपी सिंह डेस्क@ शाहजहाँपुर


जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आरटीई के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है।

इस कानून के तहत, गैर-सरकारी (प्राइवेट) स्कूलों को अपनी कुल सीटों का 25 प्रतिशत आरक्षित रखना होता है, जिससे कि समाज के हर वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। डीएम ने सभी निजी स्कूलों के संचालकों, प्रधानाध्यापकों के साथ बच्चों के प्रवेश हेतु आने वाली समस्याओं के संबंध में चर्चा की तथा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए उनसे सुझाव भी मांगे।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए की किसी भी स्कूल में आरटीई के माध्यम से प्रवेश हेतु आए हुए बच्चों के विषय में स्कूल के प्रधानाध्यापक अथवा संचालक निर्णय नहीं लेंगे, यदि बच्चे की पात्रता के विषय में संशय लगता है तो वह इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराएंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि आरटीई के माध्यम से प्रवेश कराने आए हुए बच्चों अथवा अभिभावकों के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार की शिकायत प्राप्त न हो यदि ऐसा होता है तो संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिलाधिकारी ने सुझाव मांगे कि आरटीई के बच्चों को निःशुल्क पुस्तके कैसे प्राप्त हो। उन्होंने निर्देश दिए कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के हित में निर्णय लें, आरटीआई बच्चो को होल सेल कीमत पर किताबें उपलब्ध कराए और ऐसे बच्चे कुल बच्चों के 50 प्रतिशत से कम न हों । पुरानी किताबें भी निःशुल्क बच्चों को उपलब्ध कराएं।

साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि गलत एडमिशन कराने वाले के विरुद्ध भी कड़ी कार्यवाही होगी। जिलाधिकारी ने सभी शिक्षकों से कहा कि यदि बच्चों की शिक्षा के लिए कोई पहल कर रहे हैं तो उसके लिए जानकारी दें। जो स्पोर्ट्स में अच्छे है उनके नाम उपलब्ध कराएं, ऐसे बच्चों को निखारने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा जल्द ही जनपद में बच्चों के बीच एक बड़ा गीता से संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

 

निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ कलेक्ट्रेट मे महत्वपूर्ण बैठक, आरटीई से प्रवेश लेने हेतु आए बच्चों के लिये संचालक/प्रधानाध्यापक नही लेगें निर्णय

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आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कम कीमत तथा निःशुल्क पुस्तके उपलब्ध कराने का करें विचार:डीएम


टेन न्यूज़ !! २४ मार्च २०२५ !! डीपी सिंह डेस्क@ शाहजहाँपुर


जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आरटीई के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है।

इस कानून के तहत, गैर-सरकारी (प्राइवेट) स्कूलों को अपनी कुल सीटों का 25 प्रतिशत आरक्षित रखना होता है, जिससे कि समाज के हर वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। डीएम ने सभी निजी स्कूलों के संचालकों, प्रधानाध्यापकों के साथ बच्चों के प्रवेश हेतु आने वाली समस्याओं के संबंध में चर्चा की तथा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए उनसे सुझाव भी मांगे।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए की किसी भी स्कूल में आरटीई के माध्यम से प्रवेश हेतु आए हुए बच्चों के विषय में स्कूल के प्रधानाध्यापक अथवा संचालक निर्णय नहीं लेंगे, यदि बच्चे की पात्रता के विषय में संशय लगता है तो वह इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराएंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि आरटीई के माध्यम से प्रवेश कराने आए हुए बच्चों अथवा अभिभावकों के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार की शिकायत प्राप्त न हो यदि ऐसा होता है तो संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिलाधिकारी ने सुझाव मांगे कि आरटीई के बच्चों को निःशुल्क पुस्तके कैसे प्राप्त हो। उन्होंने निर्देश दिए कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के हित में निर्णय लें, आरटीआई बच्चो को होल सेल कीमत पर किताबें उपलब्ध कराए और ऐसे बच्चे कुल बच्चों के 50 प्रतिशत से कम न हों । पुरानी किताबें भी निःशुल्क बच्चों को उपलब्ध कराएं।

साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि गलत एडमिशन कराने वाले के विरुद्ध भी कड़ी कार्यवाही होगी। जिलाधिकारी ने सभी शिक्षकों से कहा कि यदि बच्चों की शिक्षा के लिए कोई पहल कर रहे हैं तो उसके लिए जानकारी दें। जो स्पोर्ट्स में अच्छे है उनके नाम उपलब्ध कराएं, ऐसे बच्चों को निखारने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा जल्द ही जनपद में बच्चों के बीच एक बड़ा गीता से संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

 

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