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भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पांच शहरों के लिए 10,900 इलेक्ट्रिक बसों को दी मंजूरी

By tennewsone.com

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भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पांच शहरों के लिए 10,900 इलेक्ट्रिक बसों को दी मंजूरी



टेन न्यूज़ !! २३ मई २०२५ !! सोशल मीडिया डेस्क@नई दिल्ली।


भारी उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना के मौजूदा चरण के तहत बेंगलुरु को लगभग 4,500, हैदराबाद को 2,000, दिल्ली को 2,800, अहमदाबाद को 1,000 और सूरत को 600 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिक बसों के रोलआउट पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “बैठक में तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह निर्णय पूरे भारत में स्वच्छ और समावेशी शहरी परिवहन समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”

कुमारस्वामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब टिकाऊ शहरी गतिशीलता की दिशा में साहसिक कदम उठा रहा है। बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक, शहर सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ, स्मार्ट और अधिक कुशल बनाने के लिए सक्रिय रूप से इलेक्ट्रिक बसों को अपना रहे हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम केवल इलेक्ट्रिक बसें आवंटित नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम इनोवेशन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ भारत की परिवहन प्रणाली के भविष्य को आकार दे रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “केंद्र और तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों के बीच मजबूत समन्वय के साथ, हम पीएम ई-ड्राइव वादे को पूरा करने के लिए दृढ़ हैं।”

पीएम ई-ड्राइव पहल का लक्ष्य अप्रैल 2024 से मार्च 2026 तक दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ 14,028 इलेक्ट्रिक बसें सड़क पर उतारना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन को विद्युतीकृत करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रीय प्रयासों में से एक है और सरकार समय पर डिलीवरी, परिचालन तत्परता और सभी भाग लेने वाले राज्यों के साथ रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने योजना के तहत डिमांड इंसेंटिव का लाभ उठाने के लिए ईवी खरीदारों के लिए ई-वाउचर भी पेश किए हैं।

पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रकों की तैनाती के लिए भी 500-500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की यह नई पहल है।

इसी तरह, योजना के तहत ई-ट्रक भी पेश किए गए हैं क्योंकि ट्रक वायु प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता हैं। ई-ट्रक पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग सेंटर (आरवीएसएफ) से स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है।

भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पांच शहरों के लिए 10,900 इलेक्ट्रिक बसों को दी मंजूरी

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टेन न्यूज़ !! २३ मई २०२५ !! सोशल मीडिया डेस्क@नई दिल्ली।


भारी उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना के मौजूदा चरण के तहत बेंगलुरु को लगभग 4,500, हैदराबाद को 2,000, दिल्ली को 2,800, अहमदाबाद को 1,000 और सूरत को 600 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिक बसों के रोलआउट पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “बैठक में तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह निर्णय पूरे भारत में स्वच्छ और समावेशी शहरी परिवहन समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”

कुमारस्वामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब टिकाऊ शहरी गतिशीलता की दिशा में साहसिक कदम उठा रहा है। बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक, शहर सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ, स्मार्ट और अधिक कुशल बनाने के लिए सक्रिय रूप से इलेक्ट्रिक बसों को अपना रहे हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम केवल इलेक्ट्रिक बसें आवंटित नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम इनोवेशन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ भारत की परिवहन प्रणाली के भविष्य को आकार दे रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “केंद्र और तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों के बीच मजबूत समन्वय के साथ, हम पीएम ई-ड्राइव वादे को पूरा करने के लिए दृढ़ हैं।”

पीएम ई-ड्राइव पहल का लक्ष्य अप्रैल 2024 से मार्च 2026 तक दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ 14,028 इलेक्ट्रिक बसें सड़क पर उतारना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन को विद्युतीकृत करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रीय प्रयासों में से एक है और सरकार समय पर डिलीवरी, परिचालन तत्परता और सभी भाग लेने वाले राज्यों के साथ रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने योजना के तहत डिमांड इंसेंटिव का लाभ उठाने के लिए ईवी खरीदारों के लिए ई-वाउचर भी पेश किए हैं।

पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रकों की तैनाती के लिए भी 500-500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की यह नई पहल है।

इसी तरह, योजना के तहत ई-ट्रक भी पेश किए गए हैं क्योंकि ट्रक वायु प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता हैं। ई-ट्रक पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग सेंटर (आरवीएसएफ) से स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है।

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